Saturday, November 23, 2024
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अमिताभ बच्चन की इस हरकत से आज तक खफा हैं सलीम खान, फिल्म ‘शोले’ से जुड़ा है विवाद

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का नाम जब भी सामने आता है, तो उनकी फिल्म ‘जंजीर’ (Zanjeer) का जिक्र अक्सर होता है. यह वो फिल्म थी, जिसने अमिताभ बच्चन को एंग्री यंगमैन की उपाधि दी. इसके बाद 20 साल तक लोगों ने उन्हें एंग्री यंगमैन के तौर पर ही पहचाना. हालांकि, अमिताभ बच्चन को एंग्री यंगमैन की पहचान दिलाने में जितना हाथ प्रकाश मेहरा (Prakash Mehra) का रहा है, उतना ही नामी लेखक सलीम खान (Salim Khan) का भी रहा. प्रकाश मेहरा ने भले ही उन्हें फिल्म जंजीर में रोल दिया, लेकिन सलीम खान के मुताबिक, अमिताभ बच्चन को यह उनकी बदौलत मिला.

हालांकि, सलीम खान और अमिताभ बच्चन के बीच रिश्ते कुछ अच्छे नहीं रहे, जिसके चलते उन्होंने अपने करियर की सक्सेस का क्रेडिट कभी सलीम खान को नहीं दिया. यह रिश्ते तब बिगड़े जब सलीम-जावेद की जोड़ी टूट गई. सलीम और जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की जोड़ी में दूरी किस वजह से आई, इस पर चर्चा किसी और दिन करेंगे, लेकिन आज बात करेंगे उस किस्से की जिसके कारण सलीम खान, अमिताभ बच्चन से आज तक खफा हैं.

सलीम खान को अमिताभ पर है इस बात का गुस्सा

दोनों के मनमुटाव की वजह 1975 में रिलीज हुई फिल्म ‘शोले’ है. दरअसल, एक अवॉर्ड फंक्शन के दौरान जब धर्मेंद्र (Dharmendra) को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया, तब अमिताभ बच्चन ने हीमैन की तारीफ करते हुए यह कहा था कि फिल्म ‘शोले’ उन्हें धर्मेंद्र के कारण मिली. हालांकि, धर्मेंद्र अक्सर ही इस बात से इनकार करते आए कि अमिताभ बच्चन को रोल मिलने के पीछे उनका कोई हाथ नहीं है.

अब सलीम खान के एक पुराने इंटरव्यू की बात करते हैं, जिसमें उन्होंने यह बताया कि फिल्म ‘शोले’ के लिए उन्होंने ही अमिताभ बच्चन की सिफारिश की थी. इस किस्से को साझा करते हुए सलीम खान ने कहा- जब अमिताभ बच्चन ने एक फंक्शन में यह कहा कि मुझे ‘शोल’ में धर्मेंद्र ने रिकमेंड किया, तो मुझे इस बात पर तकलीफ हुई और गुस्सा भी आया. उनके शुरुआती दौर में मैंने उनका हमेशा स्टैंड लिया और उन्हें रिकमेंड भी किया.

“जब हमने अमिताभ बच्चन का नाम ‘शोल’ के लिए रिकमेंड किया तो वह (रमेश सिप्पी) आसानी से माने नहीं थे. क्योंकि उन्होंने (अमिताभ बच्चन) कभी ऐसा किरदार किया नहीं था. वह कभी डॉक्टर बने, प्रोफेसर बने और कभी शायर. मुझे लगता है कि उन्हें खुद को भी यह यकीन नहीं था कि वह ये कैरेक्टर कर सकते हैं उस वक्त.

रमेश सिप्पी को अमिताभ के लिए ऐसे किया राजी

यह फिल्म ‘जंजीर’ के दौरान की बात है. जब फिल्म बिक नहीं रही थी. कोलाबा में एक थिएटर है, वहां अपने खुद के पैसों से फिल्म चलवाई और सिप्पी साहब के स्टाफ को वह फिल्म दिखवाई. वहां पर सिप्पी साहब को राजी किया कि वह अमिताभ बच्चन को साइन करें. इसके बाद सिप्पी साहब का बर्थडे था और ये (अमिताभ बच्चन) 101 बुखार में आए. 101 बुखार में इन्होंने वह कंफर्मेशन लेटर साइन किया. शायद उसमें इनका कॉन्ट्रैक्ट था एक लाख रुपये का. वह उस वक्त स्टार नहीं थे. उनके नाम पर एक अच्छे एक्टर के तौर पर विचार किया जाता था.

‘दीवार’ में राजेश खन्ना को कर लिया था साइन

सलीम साहब आगे बताते हैं- ‘दीवार’ में भी हमने इनका नाम रिकमेंड किया. ‘दीवार’ के लिए गुलशन राय डेढ़ लाख रुपये में राजेश खन्ना को साइन कर चुके थे. पर हमने कहा कि इन्हें लीजिए. यह मैं कोई एहसान नहीं जता रहा हूं. सही बात बता रहा हूं. उन्होंने गलत बात कही है. आप कैसे तथ्यों को झुठला सकते हैं. केवल यह फिल्म ही नहीं, सच बताऊं तो उनके जबरदस्त एसोसिएशन जो रहे प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई, उनसे भी इन्हें मैंने ही मिलवाया था.

आखिर में उन्होंने कहा कि मनमोहन देसाई ने तो इनके लिए इनकार कर दिया था, लेकिन मैंने उनसे कहा था कि मनमोहन जी एक दो सालों में आप इससे संपर्क करेंगे और अपनी फिल्मों में स्टार के तौर पर लेंगे और यह हुआ भी. बुरा लगता है कि जब आप किसी ओर का क्रेडिट किसी ओर को देते हैं. जब उन्होंने (अमिताभ बच्चन) ‘शोले’ के लिए धर्मेंद्र को एक फंक्शन के दौरान क्रेडिट दिया, तब धर्मेंद्र जी ने सबके सामने कह दिया था कि अरे मैंने कुछ नहीं किया.

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