भारतीय ग्राहकों में नई और सेकंड हैंड बाइक को खरीदने का चलन काफी समय से है. जो ग्राहक अपने बजट के अनुसार नई बाइक नहीं ले सकते वो पुरानी सेकंड हैंड बाइक का चुनाव करते हैं. अक्सर ग्राहक सेकंड हैंड बाइक खरीदते वक़्त हिचकिचाते हैं और सही से बाइक का चुनाव नहीं कर पाते. ग्राहक को सेकंड हैंड बाइक समझदारी और परख के साथ लेनी चाहिए क्यूंकि इसे लेने में फायदे के साथ नुक्सान का भी सामना भी करना पड़ सकता है. आईये आपको बतातें हैं कि पुरानी बाइक का चुनाव करते वक़्त आपको किन बातों का धयान रखना चाइये.
1- बाजार में पुरानी बाइक के बहुत सारे ऑप्शन मौजूद रहते हैं. ऐसे में पहले आप अपने बजट को तय करें और अपने दिमाग में दो से तीन बाइक का चुनाव कर लें जो आप लेना चाहते हैं. उसके बाद ही आप बाजार में या ऑनलाइन सेकंड हैंड बाइक्स के ऑप्शन देखें.
2- इंटरनेट पर पुरानी बाइक की जानकारियों को बहुत अच्छे से पढ़ें. बाइक की मीटर रीडिंग, इंश्योरेंस या अगर बाइक में कोई मॉडिफिकेशन किया गया है तो उसकी जानकारी जरूर देखें. इंटरनेट पर बाइक की तस्वीर को ध्यान से देखिए कि कहीं बाइक में कोई डैमेज तो नहीं है. अगर इंटरनेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर मौजूद है तो Vahan पोर्टल पर जा कर ओनर का नाम और चालान से जुडी जानकारी भी ले सकते हैं. ये सब जानकारी लेने के बाद ही आप बाइक को फिजिकली देखने जाएं.
3- बाइक को फिजिकली अच्छे से चेक करें. अगर आपको बाइक पसंद आ जाती है तो ओनर से बाइक के डॉक्यूमेंट्स की जानकारी मांगें. ओनर से आप बाइक के बारे में कुछ सवाल भी कर सकते हैं, जैसे ये बाइक कितनी चली है, कितने समय से उनके पास है और इसे क्यों बेच रहे हैं.
4- बाइक की डील को फाइनल करने से पहले टेस्ट ड्राइव जरूर कर लें. ऐसा करने से आपको बाइक के इंजन, ब्रेक और बाइक की परफॉर्मेंस का पता चल जायेगा. टेस्ट ड्राइव लेते समय बाइक की हेडलाइट, हॉर्न, इंडिकेटर और टायर्स जरुर चेक कर लें. अगर आपको बाइक की ज्यादा जानकारी न हो तो अपने साथ किसी मैकेनिक को भी ले कर जा सकते हैं.
5- बाइक के डाक्यूमेंट्स में दिए गए व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर और इंजन नंबर को बाइक से जरुर मैच कर लें. अगर इंश्योरेंस एक्टिव है तो इंश्योरेंस नंबर से क्लेम की जानकारी भी ले लें, कि कहीं इस बाइक का पहले कोई एक्सीडेंट तो नहीं हुआ है. अगर आप बाइक की सभी जानकारियों से संतुष्ट हो जाएं तब अपनी बाइक की डील को फाइनल करें.