घरों में रहने वाले पालतू पशु जैसे कुत्ते और बिल्लियां सड़क पर घूम रहे पशुओं के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित होते हैं. घरेलू जानवरों को रेबीज समेज सारे जरूरी टीके लगे होते हैं. इसलिए यदि कभी गलती से कोई घरेलू जानवर काट भी ले तो यह उतना खतरनाक नहीं है. सड़क के जानवर के काटने से रेबीज होने का खतरा होता है.
लेकिन फिर भी यदि घरेलू जानवर भी काटे तो ऐसा नहीं है कि आप पूरी तरह निश्चिंत होकर बैठे रहें और घर पर ही घाव पर क्रीम लगा लें. डॉक्टर को दिखाना, टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना और कुछ जरूरी सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है.
इसलिए अगर कभी कोई घरेलू जानवर काट तो निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें-
1. किसी घरेलू जानवर के काटने पर भी तत्काल घर में प्राथमिक उपचार करना चाहिए. सबसे पहले घाव को अच्छी तरह डेटॉल से धोकर उस पर कोई एंटीबायोटिक क्रीम लगानी चाहिए.
2. अगर मामूली खरोंच है तो घर पर एंटीबायोटिक क्रीम लगाने से काम चल जाएगा. अगर घाव ज्यादा गहरा है तो प्राथमिक उपचार काफी नहीं होगा. घर पर प्राथमिक उपचार करने के बाद तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
3. अगर घाव मामूली है और प्राथमिक उपचार से ही ठीक हो जाने वाला है तो भी एक बार डॉक्टरी सलाह लेना आवश्यक है. घरेलू जानवर को कब-कब और कौन से टीके लगे हैं, इसकी डीटेल जानकारी के साथ एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें.
4. अगर 3-4 दिनों के भीतर घाव ठीक नहीं होता है तो लापरवाही न बरतें और डॉक्टर को तुरंत दिखाएं.
5. जानवर के काटने पर अगर किसी व्यक्ति को पिछले पांच सालों से टिटनेस का कोई टीका नहीं लगा है तो टिटनेस का टीका जरूर लगवा लें. वैसे भी हर दस साल में एक बार टिटनेस का टीका लगवाना जरूरी होता है. अगर पांच साल के भीतर किसी भी वजह से टिटनेस का टीका लगवाया गया है तो चिंतित होने की कोई बात नहीं है.
6. जिस जानवर ने काटा है, उसकी गतिविधियों पर नजर रखें. अगर जानवर की तबीयत खराब होती है या उसकी मृत्यु हो जाती है या उसके स्वास्थ्य में कोई भी असामान्य लक्षण प्रकट होता है तो आपको भी तुरंत डॉक्टरी सलाह की जरूरत है. हालांकि जिन जानवरों को टीका लगा होता है, वे पूरी तरह सुरक्षित होते हैं और उनसे रेबीज होने का कोई डर नहीं होता, लेकिन फिर भी सावधानी और डॉक्टरी सलाह आवश्यक है.