Tuesday, December 24, 2024
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अब भारत की खुबानी के दीवाने हुए दुबई के लोग. जानिए कैसे एक बार पौधा लगाकर 50 साल तक कर सकते हैं लाखों में कमाई

खुबानी की पहली खेप लेह, लद्दाख से मुंबई भेजा गई और उसके बाद वहां से उसे दुबई एक्सपोर्ट किया गया. एपीडा, दुबई स्थित एक आयातक समूह के सहयोग से लद्दाख की खुबानी के लिए एक एक्सपोर्ट मूल्य श्रृंखला स्थापित करने के लिए काम कर रहा है. शिपमेंट का एक्सपोर्ट मुंबई से एपीडा पंजीकृत एक्सपोटर्स द्वारा किया गया . लद्दाख की खुबानी बहुत मीठी होती और पूरी तरह से घुलने के कारण वह एक बेहतरीन स्वाद देती है. साथ ही वह देखने में भी आकर्षक होती है. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख खुबानी की कई किस्मों का उत्पादन करता है, जिनमें से चार से पांच किस्मों की खेती कमर्शियल उत्पादन के लिए की जाती है . इन किस्मों के लिए एक्सपोर्ट के अवसर भी मौजूद हैं.

लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के कृषि सचिव, और वाणिज्य एवं उद्योग सचिव ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश लगभग 15,789 मीट्रिक टन खुबानी का उत्पादन करता है. जिसमें से चार से पांच किस्में एक्सपोर्ट के लिए उपयुक्त हैं. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ नई कमर्शियल किस्मों की विकसित करने में सक्षम होगा.

एक बार पौधा लगाकर 50 साल तक होती है मोटी कमाई

खुबानी के पौधे एक बार लगाने के बाद लगभग 50 से 60 साल तक पैदावार देते हैं. इसकी विभिन्न किस्मों के पूर्ण रूप से तैयार एक वृक्ष से एक साल में औसतन 80 किलो के आसपास फल प्राप्त किये जा सकते हैं.

जिनका बाज़ार भाव 100 रूपये प्रति किलो के आसपास पाया जाता है. जबकि सुखाने पर इसका भाव और ज्यादा मिलता है. जिस हिसाब से किसान भाई एक बार में एक हेक्टेयर से 20 लाख तक की कमाई कर सकता हैं.

खुबानी के फल पीले, सफेद, काले, गुलाबी और भूरे के पाए जाते हैं. इसके फलों में पाया जाने वाला बीज बादाम की तरह होता है. जिसके दो से तीन बीजों को व्यस्क इंसान आसानी से खा सकता है.

लेकिन बच्चों को इसे खिलाना अच्छा नही होता. क्योंकि इसमें एक धीमा जहर होता है. सूखे हुए खुबानी को शुष्क मेवा के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके ताजे फलों से जूस, जैम और जैली बनाई जाती है. इसके अलावा इससे चटनी भी बनाई जाती है.

इसकी खेती के लिए समशीतोष्ण और शीतोष्ण जलवायु वाली जगह अच्छी होती है. इसके पौधे अधिक गर्मी के मौसम में विकास नही कर पाते हैं. जबकि सर्दी के मौसम में आसानी से विकास कर लेते हैं.

इसके पौधों को अधिक बारिश की जरूरत नही होती. फूल खिलते वक्त बारिश या अधिक ठंड का होना इसके लिए उपयुक्त नही होता. इसकी खेती के लिए भूमि का पी.एच. मान सामान्य होना चाहिए.

लद्दाख की खुबानी

दुबई को एक्सपोर्ट के लिए भेजे गए शिपमेंट से पहले, अगस्त के महीने के दौरान ताजा खुबानी के कुछ सैंपल लेह से दुबई के लिए हवाई मार्ग से भेजे गए थे.

एपीडा वर्तमान में लद्दाख खुबानी के ब्रांड के निर्माण में एक्सपोर्ट की सहायता कर रहा है. शिपमेंट के लिए फलों को स्थानीय उद्यमियों द्वारा काटा, साफ और पैक किया गया था, जिन्हें एक्सपोर्ट मूल्य श्रृंखला की आवश्यकताओं पर एपीडा द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की गई थी.

लद्दाख खुबानी का यह एक्सपोर्ट इस क्षेत्र से मध्य-पूर्व के देशों में अन्य समशीतोष्ण मौसम वाले फलों और जैविक उत्पादों के एक्सपोर्ट की संभावना को खोलता है.

अन्य देशों ने भी की डिमांड

लद्दाख खुबानी की मांग ओमान और कतर जैसे मध्य पूर्वी देशों से भी बार-बार आ रही हैं. लद्दाख से कृषि उपज के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने से किसानों के साथ-साथ उद्यमियों की आय में बढ़ोतरी होगी.

एपीडा ने केंद्र शासित प्रदेश के बागवानी, कृषि, वाणिज्य और उद्योग विभागों और उच्च ऊंचाई अनुसंधान के रक्षा संस्थान के अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया है और उसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार कर रहा है.

लद्दाख खुबानी ग्रेडिंग और पैकिंग

लद्दाख में हाल ही में हुई बातचीत की एक विभिन्न दौर के बाद, सी-बकथोर्न, खुबानी और जैविक उत्पादों सहित औषधीय मूल्यों के साथ फलों के उत्पादन में वृद्धि और ट्रेसबिलिटी सिस्टम की शुरूआत, किसानों की क्षमता निर्माण और उत्पादों के मूल्यवर्धन जैसे क्षेत्रों की पहचान की गई है.

उद्यमियों, अधिकारियों, किसानों सहित सभी संबंधित पक्षों का क्षमता निर्माण, लद्दाखी उत्पादों की ब्रांडिंग, मार्केटिंग और लद्दाख को ‘जैविक’ क्षेत्र बनाने के लिए तकनीकी सहायता देने की भी प्रक्रिया जारी है. एपीडा लद्दाख के उत्पादों की ब्रांडिंग और प्रचार के लिए विशेष सहायता प्रदान करेगा. इसके तहत वह सी-बकथोर्न, जो विटामिन सी, ओमेगा और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है, उस पर खास जोर देगा.

अपने प्रमोशनल कार्यक्रम में, एपीडा ने कहा है कि यह लद्दाख के उत्पादों के एक्सपोर्ट की शुरुआत है. आने वाले दिनों में एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से विदेशी बाजार के लिए अधिक से अधिक उत्पादों की पहचान करेगा. इस पहल से लद्दाख के उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त होगी.

यह देखते हुए कि अगले पखवाड़े के दौरान लद्दाख खुबानी का मौसम खत्म होने जा रहा है. लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से शिपमेंट को मध्य पूर्वी बाजारों के सभी क्षेत्रों के लिए ताजा लद्दाख खुबानी की लगातार आपूर्ति के लिए तैयार किया जा रहा है.

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