Monday, December 23, 2024
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अशोक कुमार की दीवानी थीं मीना कुमारी, पहली फिल्म में साथ काम करने के बावजूद सपना रहा अधूरा

जिस तरह दिलीप कुमार (Dilip Kumar) को भारतीय सिनेमा के ट्रैजेडी किंग की उपाधि दी गई, उसी प्रकार भारतीय सिनेमा में एक ट्रैजेडी क्वीन भी थी. इन्हें पिता से नाम मिला महजबीन बानो और दर्शकों ने इन्हें बुलाया ट्रैजेडी क्वीन ऑफ इंडियन सिनेमा. हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री मीना कुमारी (Meena Kumari) की. मीना कुमारी का नाम जब भी सामने आता है तो जेहन में उनके वो भाव आते हैं जो उन्होंने फिल्म ‘पाकीजा’ के उस गाने में दिए, जो आज भी लोगों की जुबान पर है. वो गाना है- ‘चलते-चलते यूं ही कोई मिल गया था…’

मीना कुमारी की अदाकारी के केवल दर्शक ही दीवाने नहीं थे, बल्कि उन्हें अपनी फिल्मों में साइन करने के लिए निर्देशक-निर्माता उनके फ्री होने का इंतजार किया करते थे. गुरु दत्त ने भी ‘साहिब बीवी गुलाम’ में मीना कुमारी को साइन करने के लिए काफी लंबे वक्त तक इंतजार किया था. इतना ही नहीं, दिलीप कुमार और राज कुमार जैसे कलाकार भी मीना कुमारी के सामने एक्टिंग करते वक्त असहज हो जाते थे. राज कुमार तो अक्सर मीना कुमारी के सामने अपने डायलॉग तक भूल जाया करते थे. जिनकी दुनिया दीवानी थी, वह मीना कुमारी किसी और की दीवानी थीं. वह शख्स कोई और नहीं बल्कि दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार थे. आज अपनी किस्सों की डायरी से हम आपके लिए यही किस्सा लेकर आए हैं, जिसमें आपको बताएंगे कि मीना कुमारी का वह कौनसा सपना था, जो अशोक कुमार के साथ काम करने के बावजूद अधूरा रहा.

अशोक कुमार के साथ काम करना चाहती थीं मीना कुमारी

मीना कुमारी कलाकारों के एक भरपूर परिवार से आती थीं. उनके पिता अली बक्श और मां इकबाल बेगम स्टेज आर्टिस्ट थे. मीना कुमारी के पिता अली फिल्मों में भी काम किया करते थे. मीना कुमारी के परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी, जिसके चलते मीना कुमारी और उनकी बहन ने भी बाल कलाकार के तौर पर फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. मीना कुमारी फिल्म में जिन्हें सबसे ज्यादा पसंद किया करती थीं, वह थे- दादा मुनि उर्फ अशोक कुमार. यह वो शख्स थे, जिनकी मीना कुमारी दीवानी थीं. वह बचपन से ही अशोक कुमार की बहुत बड़ी फैन थीं. जब भी अशोक कुमार की कोई फिल्म रिलीज होती, तो वह सीधे अपने पिता को लेकर अपने फेवरेट हीरो की फिल्म देखने सिनेमाघर पहुंच जाती थीं.

अन्नू कपूर अपने एक शो में बताते हैं कि एक बार मीना कुमारी को पता चला कि उनकी बहन माधुरी, अशोक कुमार के साथ एक फिल्म कर रही हैं. यह फिल्म थी- ‘अंजान’, जो 1941 में रिलीज हुई थी. मीना कुमारी ने अपने पिता से जिद की कि वह सेट पर जाएंगी और अशोक कुमार से मुलाकात करेंगी. बेटी की जिद ने पिता को फिल्म के सेट तक पहुंचा दिया. यहां मीना कुमारी ने अपने चहेते स्टार अशोक कुमार से मुलाकात की. इस दौरान अशोक कुमार ने मीना से पूछा- बेबी, क्या तुम भी फिल्मों में काम करती हो? क्या तुम हमारे साथ काम करना चाहोगी?

सपना पूरा तो हुआ, लेकिन रहा अधूरा

यह सुनकर मानो मीना कुमारी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मीना कुमारी ने उनसे कहा- हां, अगर आप कहेंगे तो जरूर करूंगी. इस पर अशोक कुमार उनसे बोले- ठीक है, तुम बड़ी हो जाओ. मैं तुम्हारे साथ जरूर फिल्म करूंगा. वैसे तो यह बात अशोक कुमार ने एक बच्चे से उसी प्रकार कही थी, जैसे उसका मन रखने के लिए उसे कोई खिलौना दे दिया जाता है या उसे बहका दिया जाता है. पर मीना कुमारी ने ये बात अपने दिल में बिठा ली थी. वह अशोक कुमार के साथ फिल्म में काम करने के सपने संजाने लगीं. हालांकि, ऐसा नहीं है कि मीना कुमारी का ये सपना कभी पूरा नहीं हुआ. यह सपना पूरा तो हुआ, लेकिन अधूरा.

अधूरा इसलिए क्योंकि 1951 में बॉम्बे टॉकीज के बैनर तले बनी फिल्म ‘तमाशा’ में मीना कुमारी को अशोक कुमार के साथ काम करने का मौका मिला. यह मीना कुमारी के साथ अशोक कुमार की पहली फिल्म थी. अशोक कुमार के अलावा इस फिल्म में देव आनंद भी मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म का निर्देशन फानी मजूमदार कर रहे थे. फानी मजूमदार ने फिल्म की अभिनेत्री के लिए मीना कुमारी से बात की. मीना कुमारी ने उनसे पूछा कि अभिनेता कौन है. फानी ने कहा- अशोक कुमार. मीना कुमारी ने बिना स्क्रिप्ट पढ़े ही फिल्म के लिए हामी भर दी.

दो साल बाद बनीं अशोक कुमार की हीरोइन

बाद में, जब मीना कुमारी को स्क्रिप्ट मिली तो उन्होंने पाया कि फिल्म में एक भी ऐसा सीन नहीं है, जिसमें अशोक कुमार और वह साथ में हैं. बस एक पासिंग शॉट था, जिसमें मीना घर से बाहर की तरफ जाती हैं और अशोक कुमार अंदर आते हैं. मीना कुमारी इसी से खुश हो गईं कि चलो उन्हें अशोक कुमार के साथ इस सीन में तो काम करने का मौका मिलेगा. हालांकि, फानी मजूमदार ने मीना और अशोक कुमार का ये सीन अलग-अलग शूट कर लिया, यानी मीना कुमारी का अलग से ये सीन शूट हुआ और अशोक कुमार का अलग से.

अब मीना कुमारी को एक साथ सेट पर अशोक कुमार के साथ सीन शूट करने का भी मौका नहीं मिला. मीना कुमारी का यह सपना अधूरा रह गया. हालांकि, ऐसा नहीं था कि मीना कुमारी को फिर कभी अशोक कुमार के साथ काम करने का मौका नहीं मिला. मीना कुमारी का यह सपना पूरा हुआ साल 1953 में आई फिल्म ‘परिणीता’ के साथ. जो मीना कुमारी, अशोक कुमार के साथ एक शॉट करने के लिए तरस रही थीं, उन्हें फिल्म ‘परिणीता’ में बतौर अभिनेत्री अशोक कुमार के साथ काम करने का मौका मिला और यह फिल्म रही सुपरहिट.

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