आजकल की लाइफ स्टाइल ही कुछ अलग हो गई है। इसी वजह से लोग अक्सर बीमारियों की चपेट में आ जाते है। फिर डॉक्टरों के चक्कर लगाने पड़ते है। ऐसे में चिकित्सक बीमार व्यक्ति को दवाइयों के साथ फलों का जूस पीने की सलाह भी देते हैं लेकिन मरीज द्वारा दवाई खाते वक्त इस बात का जरा भी ध्यान नहीं दिया कि जूस लेने का सही तरीका और टाइम क्या है। कई शोधों में इस बात की पुष्टि हुई है कि अगर आप नाश्ते के दौरान मैडिसिन लेते वक्त फलों का ज्यूस पी रहे हैं तो इससे दवा का रिएक्शन भी हो सकता है। इसके अलावा दवाइयों के साथ कुछ फलों का जूस पीने से दवाइयां बेअसर भी हो सकती हैं। तो चलिए आपको बताते है कुछ ऐसे जूस जो मेडिसन के साथ नहीं पीने चाहिए।
एप्पल जूस : सेब का जूस भी वार्फरिन जैसी दवाइयों के असर को कम कर देता है। ऐसे मरीज जिनकी कीमोथेरेपी चल रही हो या जो एटेनोलोल जैसी दवाइयां का सेवन कर रहे हों, उन्हें सेब के जूस से दूरी बना ले चाहिए, अन्यथा परेशानी हो सकती है।
क्रेनबेरी जूस : हार्ट अटैक, स्ट्रोक तथा ब्लड क्लॉट से बचाव करने वाली दवा ‘वार्फरिन’ ले रहे हैं तो क्रेनबेरी जूस का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए। क्रैनबेरी जूस में फ्लेवोनॉइड पाया जाता है जो मेटाबोलिज्म को प्रभावित कर देता है।
ऑरेंज जूस : चलो अब बात करते है ऑरेंज जूस की। अगर आप सोचते हैं कि सुबह खाने वाली दवाई के साथ ऑरेंज जूस पीना आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छा होगा तो आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि साइट्रस फलों के जूस दवाइयों के असर को कम करते हैं।
-चकोतरा जूस : अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से पीडि़त हैं और इन बीमारियों से बचाव करने वाली दवाइयां खा रहे हैं तो सुबह नाश्ते में या दवा खाने के तुरंत बाद चकोतरा (ग्रेप फ्रूट) का जूस नहीं पीना चाहिए।
पाइनएप्पल जूस : खून को पतला करने वाली दवाइयां खा रहे हैं तो ऐसे में आपको पाइन एप्पल का जूस नहीं पीना चाहिए। पाइनएप्पल में ब्रोमेलिन नामक यौगिक पाया जाता है जो ब्लड क्लॉटिंग वाली दवाइयों के असर को कम कर देता है।