हम में से ज्यादातर लोग अपने चेहरे की त्वचा, बालों और यहां तक कि हाथों की देखभाल करने के बारे में बहुत खास होते हैं; पैरों की देखभाल अक्सर हमारे शरीर की देखभाल की लिस्ट में आखिरी जगह पर पहुंच जाती है.
पैरों की उपेक्षा करने से दर्दनाक रिजल्ट हो सकते हैं जिनमें बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण, कॉर्न्स, फटी त्वचा और दुर्गंध आदि शामिल हैं. इससे बचने के लिए यहां 6 फुट केयर टिप्स दिए गए हैं.
1. धुलाई
पैरों की त्वचा बैक्टीरिया और फंगल इनफेक्शन के लिए अतिसंवेदनशील होती है क्योंकि ये दिन के एक बड़े हिस्से के लिए मोजे और जूतों में लिपटी रहती है, या धूल और जमी हुई गंदगी के संपर्क में रहती है.
पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा बैक्टीरिया और फंगल इनफेक्शन के पनपने के लिए एक आइडियल जगह है अगर इसे ठीक से धोया और साफ नहीं किया जाता है.
इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण है कि अपने पैरों को दिन में एक बार साबुन से धोएं और सुनिश्चित करें कि गंदगी और पसीने में बंद गंदगी साफ हो गई है.
2. उन्हें सूखा रखें
एथलीट फुट जैसे फंगल इनफेक्शन के पनपने के लिए नमी एक आइडियल एनवॉयरमेंट है. पैरों को सुखाना, खास तौर से पैर की उंगलियों के बीच का एरिया हर एक धोने के बाद बहुत जरूरी है, खासकर अगर आप तुरंत बाद में मोजे और जूते पहन रहे हैं.
3. मॉइस्चराइजिंग
अपने मॉइस्चराइजिंग रूटीन को केवल अपने चेहरे और हाथों तक सीमित न रखें. नमी की कमी से आपके पैर सूखे, पपड़ीदार और फटे हुए हो सकते हैं.
फटी हुई त्वचा तब बेहद ड्राई और सख्त हो सकती है, खासकर एड़ी पर. ये एरिया तब गंदगी और जमी हुई गंदगी के लिए एक चुंबक बन सकता है जो उस पर चिपकना शुरू कर देगा.
फटी एड़ियां न केवल बेकार दिखती हैं, बल्कि दर्दनाक भी हो सकती हैं. तय करें कि आप अपने पैरों को धोने के बाद हर दिन अपने पैरों पर मॉइस्चराइजिंग एजेंट की एक खुराक अप्लाई करें.
4. एक्सफोलीएटिंग
डेड स्किन को मॉइश्चराइज करने से कोई फायदा नहीं होगा. हर महीने एक बार एक्सफोलिएशन के जरिए सबसे पहले डेड लेयर को हटाना जरूरी है.
ये झांवां या लूफैण के साथ किया जा सकता है, लेकिन हल्के ढंग से. ये हार्ड डेड स्किन पर जमी गंदगी और जमी हुई मैल को हटाने में भी मदद करता है. एक हाइड्रेटिंग मॉइस्चराइजर के साथ इसका पालन करें और इसे रात भर छोड़ दें.
5. ओकेजनल पैंपरिंग
अपने पैरों को महीने में दो बार 10 से 15 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगोकर छोड़ दें. ये त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करता है. फिर पैरों को हल्के से रगड़ें, उन्हें अच्छी तरह सुखाएं और विटामिन ई से भरपूर कोल्ड क्रीम लगाएं.
अगर आपके पैरों में इनफेक्शन और सूजन की आशंका है, तो एक एंटीबैक्टीरियल क्रीम का इस्तेमाल करें. आप महीने में एक बार हाइड्रेटिंग या एक्सफोलीएटिंग पील-ऑफ फ़ुट मास्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
6. मोजे पहनें
मोजे पहनना न केवल आपको ठंड से बचाने के लिए बल्कि आपके पैरों को एनवॉयरमेंटल डैमेज से बचाने के लिए भी अहम है. जुराबें पैरों को धूल और गंदगी से बचाती हैं जो पैरों पर लगाई गई क्रीम से चिपक सकती हैं. वो यूवी रेडिएशन से भी बचाते हैं.