म्यूचुअल फंड में एफडी या अन्य फंड की तरह रिटर्न की गारंटी नहीं होती है. ऐसे में अगर आप अपने निवेश पर जोखिम नहीं ले सकते हैं, तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं करना चाहिए. आपके एमएफ पोर्टफोलियो का हिस्सा बनने वाला प्रत्येक शेयर जोखिम का एक निश्चित तत्व लेकर आता है. यह मार्केट पर निर्भर करता है और हो सकता है इससे आपको नुकसान भी हो सकता है. अगर इक्विटी म्यूचुअल फंड में आपका निवेश लंबी अवधि तक बना रहता है, तो जोखिम की संभावना कम हो जाती है.
जो एक्स्ट्रा चार्ज देने के लिए राजी नहीं
म्यूचुअल फंड को संभालने के लिए आपके निवेश से expenses ratios के रूप में चार्ज लगता है. यह शुरू में तो कम लगता है, लेकिन बाद में यह ज्यादा हो जाता है. इसलिए अगर आपको लगता है कि आप निवेश में कोई चार्ज नहीं देंगे तो आप म्यूचुअल फंड में निवेश ना करें. साथ ही अगर आप साल में पैसे निकालते हैं तो 1 फीसदी Exist Load का चार्ज भी देना होता है.
लंबे टाइम तक निवेश ना करना हो
अब कई म्यूचुअल फंड में लॉक इन पीरियड होता है और अगर जिन लोगों को लगता है कि उन्हें लंबे समय तक पैसे की आवश्यकता नहीं है तो ही इसमें निवेश करें. अगर आप लंबे टाइम तक निवेश नहीं करना चाहते हैं और पैसे को लॉक नहीं कर सकते तो यह आपके लिए अच्छा निवेश ऑप्शन नहीं है.
टैक्स नहीं देना चाहते
जब आप किसी अन्य फंड में निवेश करते हैं तो आपको इनकम टैक्स में छूट मिलती है. अगर आप चाहते हैं कि म्यूचुअल फंड में भी निवेश पर छूट मिले तो ऐसा नहीं है. म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर भी टैक्स लगता है, जिससे आपका मुनाफा कुछ प्रतिशत से घट जाता है.