teensexonline.com
Saturday, September 28, 2024
No menu items!
HomeLifestyleकेले की खेती करने वाले किसानों के लिए खास खबर, पत्तियों से...

केले की खेती करने वाले किसानों के लिए खास खबर, पत्तियों से भी हो सकती है बंपर कमाई, बस इन बातों का रखें ध्यान

दक्षिण भारत में केले के पत्‍तों पर भोजन परोसने की प्रथा है. केले की पत्तियों का उपयोग भारत तथा अनेक दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में धार्मिक त्‍योहारों, विवाहों व अन्‍य समारोहों में प्रमुख रूप से सजावट के लिए किया जाता है. केले के पत्‍ते का उद्योग अनेक सीमांत और छोटे किसान समुदायों की जीविका का स्रोत बन गया है.

कुल व्यापार में पत्तों की भी बड़ी भूमिका

ऐसा विश्‍वास किया जाता है कि जब भोजन केले के पत्‍तों पर परोसा जाता है तो उसमें विशेष स्‍वाद आ जाता है. वर्तमान में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में केले के पत्‍तों का उत्‍पादन व्‍यापार बन गया है. वर्तमान में इसका वार्षिक टर्नओवर 2 करोड़ 50 लाख रुपए है जो केला उद्योग के कुल वार्षिक टर्नओवर के लगभग 7वें भाग के बराबर है. जैव अपघटनशील भोजन की तस्‍तरियों के रूप में केले के पत्‍तों का उपयोग सांस्‍कृतिक और पारिस्थितिक, दोनों ही दृष्टियों से महत्‍वपूर्ण है.

हमेशा रहती है मांग

केले के पत्‍तों की वर्षभर निरंतर मांग बने रहने के कारण केले की खेती वाले अधिकांश राज्‍यों में केला पत्‍ती उत्‍पादन/केले के पत्‍तों की कटाई एक वाणिज्यिक उद्यम बन गया है और इससे किसान परिवारों को वर्षभर आय का टिकाऊ साधन उपलब्‍ध होता है. इसके साथ ही इसमें यह क्षमता भी है कि फल उद्योग में किसान जो मूल्‍य में उतार-चढ़ाव की समस्‍या का सामना कर रहे हैं, उसमें संतुलन लाया जा सके. इसके साथ ही इसे विभिन्‍न उत्‍पादन प्रणालियों के लिए आवश्‍यकता के अनुकूल भी बनाया जा सकता है.

पत्तों के लिए कुछ किस्मों की खेती

केवल पत्‍ती उत्‍पादन के लिए भी अभी तक केले की कोई वाणिज्यिक किस्‍म उपलब्‍ध नहीं हैं. वर्तमान में पूवन, मोंथन, पेयन, सक्‍कई और करपूरवल्‍ली जैसे वाणिज्यिक किस्‍मों का उपयोग पत्‍ती के उद्देश्‍य से किया जाता है और इसके फलों का भी विभिन्‍न रूप से आहार में उपयोग किया जाता है. केले की पत्तियों का बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है और इसकी मांग दिन-प्रति-दिन बढ़ रही है.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments