मोमोज आज के वक्त में भारत का एक फेमस फूड बन गया है. बड़े से लेकर बच्चों तक को मोमोज काफी पसंद होते हैं. तमाम तरह की वैराइटी के मोमोज आज बाजार में मौजूद है. मोमोज का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है. मोमोज और चटपटी चटनी का स्वाद हर किसी की जुबां पर लगभग राज करता है. भारत ही नहीं बल्कि आस-पास की अन्य जगहों में खाने के स्वाद की बात आती है तो लजीज़ मोमोज़ सामने आते हैं.
क्या आपने कभी सोचा है कि अपनी जुबां पर स्वाद भरने वाले इन मोमोज़ की शुरूआत कहां से हुई है, ये किस देश का फूड है. आखिर कब यह स्वादिष्ट व्यंजन, हर किसी की प्लेट तक कैसे मोमोज पहुंचे हैं ? आज हम आपको बताएंगे कि मोमोज किस देश का फूड है और आप तक ये व्यंजन कैसे पहुंचा-
मोमोज का मतलब क्या है
कहा जाता है कि तिब्बत से निकलकर ये व्यंजन नेपाल की शान बना, लेकिन यहां बनाने का तरीका और सामग्री थोड़ा अलग हो गई. बता दें कि मोमोज का अर्थ होता है कि भाप में बनी तिब्बती डिश, जो कि मांस और सब्जियों को मिलाकर तैयार की जाती है. कहा जाता है कि नेपाल में मोमोज को काफी पसंद किया जाता है. माना जाता है कि तिब्बत के स्थानीय लोग इसे मोमोचा कहते थे. नेवाड़ी में ‘मा नेउ’ का अर्थ है उबला हुआ खाना और सबसे पहले इस तरह से पकवान को मोमोचा नाम दिया गया.
मोमोज़ क्यों है फेमस
मोमोज खाने में काफी स्फॉट होता है. मोमोज आज हर एक फ्लेवर में बाजार में मौजूद है. इतना ही नहीं आप भी अलग अलग तरह से मोमो को बना सकते है. कहते हैं कि शुरू में नेवार समुदाय भैंस के मांस को इसमें भरते थे और वह इसको बफ मोमो कहते थे. लेकिन आज के वक्त में वेज मोमोज ज्यादा फेमस हैं, खास बात ये है कि आप इस व्यंजन में अपने स्वाद के हिसाब से कुछ भी भर सकते हैं और वह स्वादिष्ट होता है.
मोमोज़ की शुरुआत भारत में कैसे हुई
जब भारत में मोमोज सबसे ज्यादा सिक्किम में ये प्रचलित है. माना जाता है कि भारत के सिक्किम में मोमोज, भूटिया, लेपचा और नेपाली समुदायों के कारण से पहुंचा था. वह आहार के लिए इसका ही सेवन करते थे. ऐसे में माना जाता है कि भारत में इसकी शुरुआत करीब 1960 के दशक के आस पास हुई थी, जब बहुत भारी संख्या में तिब्बतियों ने भारत से पलायन किया था. वह ही इस व्यंजन को भारत में जाने का मुख्य कारण माने जाते हैं. आज ये फेमस डिश दिल्ली हो या फिर मुंबई हर एक जगह लोगों के द्वारा पसंद की जाती है.