Friday, November 8, 2024
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क्या दिमाग को अपग्रेड किया जा सकता है? जानिए विज्ञान की मदद से इसे धार देने के तरीके

इंसानी शरीर आश्चर्य करने में सक्षम है. दिमाग के कार्य करने की क्षमता उम्र बढ़ने के साथ बिगड़ना शुरू हो जाती है. कुछ तरीके आपके ज्ञान संबंधी कामकाज को बढ़ा सकते हैं.

इंसानी शरीर का कामकाज दिमाग पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है. सूचना और डेटा को प्रेसेस करने के बाद दिमाग शरीर के विभिन्न अंगों को मार्गदर्शन करता है कि उसे किस तरह के कामकाज करने हैं. हालांकि, समय के साथ गिरावट की वजह से दक्षता में कमी आना जरूरी नतीजा है. लेकिन क्या दिमाग को अपग्रेड किया जा सकता है, उसके लिए कोई तरीका है? तरीका तो है लेकिन ये काम आपको अपने दम पर करना होगा. कुछ उपाय बताए जा रहे हैं जिससे आप किसी भी उम्र में दिमाग को तेज कर सकते हैं.

दिमागी गेम्स खेलना- सीखने के शुरुआती चरण में बच्चों से अक्सर पहेली और समस्या हल कराया जाता है. ये उनके बोध विकास की प्रक्रिया का जरूरी हिस्सा है. हालांकि, विज्ञान सिफारिश करता है कि दिमागी काम सुधारने की प्रक्रिया को जिंदगी के बाद के चरणों में भी अंजाम दिया जाना चाहिए. रिसर्च से सुझाव मिलता है कि दिमाग के खेल जैसे पहेली, पत्तों का खेल, क्विज दिमाग को व्यस्त रख सकते हैं और उसके अभ्यास को बढ़ावा देते हैं. दिमाग के खेल विश्लेषणात्मक कौशल, याद्दाश्त, रचनात्मकता और विचार को भी सुधार सकते हैं.

कोई भाषा सीखना- आपका द्विभाषावाद लंबे समय में आपके दिमाग को फायदा देगा. कई रिसर्च ज्ञान संबंधी काम सुधारने में द्विभाषीय के फायदों का समर्थन करती है. पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित एक समीक्षा के मुताबिक द्विभाषावाद रचनात्मकता, सीखने का कौशल और याद्दाश्त को बढ़ाने में मदद कर सकता है. ये उम्र से जुड़े बोध गिरावट के जोखिम को कम भी कर सकता है.

यंत्र बजाना या म्यूजिक सीखना- पियानोवादक प्रभावशाली गति पर जटिल सुर बजाने या गिटारवादक के झूमने का राज दिमाग में छिपा होता है. प्लोस वन में प्रकाशित रिसर्च से पता चला कि म्यूजिक रचनात्मकता, मूड और बोध संबंधी काम को बढ़ा सकती है. यंत्र सीखना कौशल है और ये सीखने, मसल स्मृति और समन्वय को भी सुधार सकता है.

मेडिटेशन- मेडिटेशन का अभ्यास भारतीय संस्कृति का पुराने जमाने से हिस्सा रहा है. उसे अब दुनिया भर में अपनाया और अभ्यास किया जा रहा है क्योंकि उसमें मन को शांत और शरीर को आराम देने की क्षमता है. रिसर्च के मुताबिक मेडिटेशन का संबंध सूचना को प्रोसेस करने, मानसिक स्थितियों के जोखिम को कम करने और भावनाओं को बेहतर करने की क्षमता से जुड़ा है.

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