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Saturday, July 6, 2024
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क्‍या होता है Stevens Johnson Syndrome जिसके शिकार हुए बिहार बीजेपी प्रेसीडेंट, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुखिया संजय जयसवाल को पटना एम्‍स में भर्ती कराया गया है. संजय जायसवाल एक असामान्‍य बीमारी स्‍टीवेंस जॉनसन सिंड्रोम (SJS) से पीड़‍ित हैं. उन्‍होंने फेसबुक पर खुद इस बात की जानकारी दी है. जो जानकारी बिहार बीजेपी प्रेसीडेंट की तरफ से दी गई है उसके मुताबिक इस सिंड्रोम ने उनकी आंखों, नाक, कान और आंतों को प्रभावित किया है. वह फिलहाल किसी से मिल नहीं सकते हैं और अगले एक हफ्ते तक उनका इलाज होगा. आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये बीमारी क्‍या होती है.

कैसे पड़ा इसका नाम

इस सिंड्रोम का नाम आपको थोड़ा अजीब लग सकता है. इसका नाम दो अमेरिकी डॉक्‍टरों अल्‍बर्ट मैसेन स्‍टीवेंस और फ्रैंक चंबलिस जॉनसन के नाम पर पड़ा है. इन दोनों ने साल 1922 में अमेरिकी जनरल ऑफ डिजीज ऑफ चिल्‍ड्रेन में इस बीमारी के बारे में पहली बार विस्‍तार से लिखा था. उस समय दुनिया को मालूम चला था कि इस तरह की कोई बीमारी भी होती है.

डॉक्‍टरों ने माना असामान्‍य बीमारी

स्‍टीवेंन जॉनसन सिंड्रोम को डॉक्‍टर एक असामान्‍य बीमारी करार देते हैं. यह बीमारी ज्‍यादातर त्‍वचा के अलावा नाक और मुंह के अंदर और बाहरी त्‍वचा की उस हल्‍की सी झिल्‍ली पर असर करती है जिस पर स्किन को मॉइस्‍चराइज्‍ड रखने की जिम्‍मेदारी है. इस बीमारी की शुरुआत में बुखार आता है और इसके बाद शरीर पर रैशेज होने लगते हैं, जिन में दर्द रहता है. प्रभावित त्‍वचा की ऊपरी परत खत्‍म हो जाती है और फिर यह रोग बाकी त्‍वचा को प्रभावित करने लगता है. कई दिनों तक इस बीमारी से कोई व्‍यक्ति पीड़‍ित रह सकता है.

एक मेडिकल इमरजेंसी है ये सिंड्रोम

वेबसाइट मायो क्‍लीनिक के मुताबिक यह सिंड्रोम एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें मरीज को अस्‍पताल में भर्ती कराना ही पड़ता है. जब इसका इलाज शुरू होता है तो डॉक्‍टरों की पहली प्राथमिकता बीमारी की जड़ का खत्‍म करना, घावों को ठीक करना, दर्द को कम करना और घावों से पैदा हुई मुश्किलों को कम से कम करना होता है. इसे ठीक होने में कई महीनों से लेकर कई हफ्तों तक का समय लग सकता है.

इस बीमारी का एक और गंभीर रूप है जिसे टॉक्सिक एपिडर्मल नेक्रोलिसिस (TEN) कहते हैं. इसमें त्‍वचा का 30 फीसदी हिस्‍सा और मुंह और नाक का ज्‍यादातर हिस्‍सा बुरी तरह से डैमेज हो जाता है. अगर आपको यह सिंड्रोम किसी बीमारी का इलाज या उसकी दवाईयों की वजह से हुआ है तो आपको तुरंत उस दवाई को बंद करने की जरूरत है.

किन वजहों से होती है ये बीमारी

स्‍टीवेंस जॉनसन सिंड्रोम एक बहुत ही असामान्‍य बीमारी है जिसके बारे में पता नहीं लगाया जा सकता है. आपके डॉक्‍टर को भी इस बीमारी की सही वजह का पता नहीं लग सकेगा. लेकिन माना जाता है कि यह सिंड्रोम किसी तरह की दवाई या फिर कभी-कभी किसी इनफेक्‍शन वजह से हो सकता है या फिर दोनों ही वजहें शामिल हो सकती हैं. जिन बीमारियों के संक्रमण की वजह से यह सिंड्रोम होता है उसमें HIV और न्‍यूमोनिया शामिल हैं. इसके अलावा कमजोर इम्‍युन सिस्‍टम भी इस बीमारी की वजह से हो सकता है. परिवार में अगर किसी को कभी ये सिंड्रोम हुआ हो तो इस बीमारी की आशंका बढ़ जाती है.

बीमारी के लक्षण

रैशेज आने के 1 से 3 दिन पहले तक आपको इस बीमारी के ये लक्षण नजर आएंगे जिसमें

  • बुखार आना
  • मुंह और गले में सूजन
  • थकान
  • आंखों में जलन होना

जैसे-जैसे यह कंडीशन गहरी होती जाएगी, ये कुछ और लक्षण आपको नजर आने लगेंगे-

  • भयानक स्किन पेन
  • लाल या फिर बैंगनी रंग का रैश जो तेजी से फैलने लगाता है.
  • आपकी त्‍वचा पर फफोले पड़ना और इसी तरह के फफोले या छाले आपको मुंह, नाक, आंख और जननांगों पर भी नजर आ सकते हैं.
  • फफोले बनने के बाद उस जगह की स्किन कुछ समय बाद हटने लगती है.

हो सकती है फेफड़ों में समस्‍या

इस सिंड्रोम की वजह से आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. जैसे जहां पर आपको रैशेज हुए हैं वहां की त्‍वचा अपने पोषक तत्‍वों को खो सकती है. मुंह और गले में सूजन की वजह से आप कुछ खा-पी नहीं सकते हैं. ब्‍लड इनफेक्‍शन के अलावा आंखों में समस्‍या हो सकती है और यहां तक कि कभी-कभी आप फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के भी शिकार हो सकते हैं. यहां तक कि आपकी त्‍वचा हमेशा के लिए डैमेज हो सकती है.

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