आप सबसे ज्यादा रचनात्मक (क्रिएटिव) कब हो सकते हैं? या फिर सबसे बेहतर आइडिया कब आ सकता है? कोई कहता है उसे आइडिया एकांत में आता है, तो किसी को चलते चलते-फिरते। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि नींद और जागने के बीच का समय रचनात्मकता के लिए सबसे बेहतर होता है। दावा किया गया है कि जो लोग हल्की नींद में होते हैं, वो जगते ही किसी बड़ी समस्या का समाधान आसानी से खोज सकते हैं।
कैसे हुआ शोध
पेरिस ब्रेन इंस्टीट्यूट के कॉग्निटिव न्यूरोसाइंटिस्ट डेल्फिन ऑडिटे और उनके साथियों ने 103 स्वस्थ लोगों को जुटाया। उन्हें गणित के कठिन सवाल दिए गए। उन्हें कहा गया था कि संख्याओं की एक सीरीज को छोटे सिक्वेंस में बदलना है। 60 बार कंप्यूटर पर इस पहेली को सुलझाने का प्रयास करने के बाद वॉलंटियर्स को 20 मिनट का आराम दिया गया। इन लोगों को अंधेरे और शांत कमरे में आराम करने को कहा गया। साथ ही हाथ में हल्के वजन की बोतल पकड़ा दी गई। दिमाग को मॉनिटर करने के लिए इलेक्ट्रोड लगा दिए गए थे।
चौंकाने वाले नतीजे
आराम कर रहे आधे वॉलंटियर तो जगते रहे। इनमें 24 सो गए और ये हल्की नींद की अवस्था में थे। आराम करने के बाद वॉलंटियर्स को वापस संख्या वाली समस्या को सुलझाने को कहा गया। पाया गया कि हल्की नींद में सोने वालों ने गणित की समस्या को सुलझाने में 2.7 गुना क्षमता हासिल की। वहीं, गहरी नींद से जगने वालों ने 5.8 गुना क्षमता हासिल की।
थॉमस एडिसन भी इसी दौरान सोचते थे
वैज्ञानिक थॉमस एडिसन नींद और जागने के बीच के समय में आए आइडिया को पकड़ लेते थे। वो बर्तन में दो स्टील की गेंद को रखते थे और उसे हाथ में पकड़कर सोते थे। जैसे ही उन्हें नींद आती थी, प्लेट झुकने लगती थी और गेंद जमीन पर गिर जाती थी। इससे उनकी नींद टूट जाती थी। बस ठीक इससे पहले ही उनके दिमाग में आइडिया आता था, जो रचनात्मक होता था। यह शोध साइंस एडवांसेस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।