वनडे क्रिकेट ने अपने पहले दोहरे शतक के लिए लंबा इंतजार किया. और वो इंतजार खत्म किया सचिन तेंदुलकर ने ग्वालियर में साल 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहला वनडे दोहरा शतक लगाकर. मगर कमाल की बात एक और है. और वो ये कि जब वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल (Chris Gayle) के वनडे में दोहरा शतक लगाने की बारी आई तो उन्होंने दिन सचिन वाला ही चुना. यानी सचिन ने 24 फरवरी 2010 को ये कारनामा अंजाम दिया था जबकि गेल ने आज ही के दिन यानी 24 फरवरी 2015 को. गेल का दोहरा शतक वनडे इतिहास का सबसे तेज दोहरा शतक भी है. उन्होंने तब 138 गेंदों पर इस जादुई आंकड़े को छुआ था.
इस मैच में वेस्टइंडीज की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी. टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और ड्वेन स्मिथ बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए. इसके बाद क्रिस गेल का साथ देने मार्लोन सैमुअल्स ने मैदान पर कदम रखा. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 372 रन जोड़े और वो भी सिर्फ 298 गेंदों पर. 138 गेंदों पर दोहरा शतक पूरा करने वाले गेल ने 147 गेंदों पर 215 रन बनाए. इसमें उन्होंने 10 चौके और 16 छक्के जड़े. यानी 215 में से अकेले 136 रन तो उन्होंने सिर्फ 26 गेंदों पर चौकों छक्कों की मदद से बनाए. गेल पारी की आखिरी गेंद पर आउट हुए.
गेल और सैमुअल्स ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
वहीं, मार्लोन सैमुअल्स ने नाबाद 133 रन की पारी खेली. उन्होंने 156 गेंदों की पारी में 11 चौके और 3 छक्के लगाए. सैमुअल्स और गेल ने वनडे इतिहास की किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी की. दोनों ने 372 रन जोड़े. इससे पहले ये रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के नाम था जिन्होंने 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद में दूसरे विकेट के लिए 331 रन जोड़े थे. वहीं सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने भी 1999 में ही श्रीलंका के खिलाफ टांटन में दूसरे विकेट के लिए 318 रन की साझेदारी की थी. मगर गेल और सैमुअल्स का ये रिकॉर्ड आज भी कायम है. जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 289 रनों पर सिमट गई और डकवर्थ लइुस नियम से 78 रनों से ये मुकाबला गंवा बैठी.
वनडे इतिहास में अब तक 8 दोहरे शतक लग चुके हैं. इनमें से रोहित शर्मा ने तीन, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, क्रिस गेल, मार्टिन गप्टिल और फखर जमां ने एक एक दोहरा शतक लगाया है.