Saturday, November 16, 2024
No menu items!
HomeLifestyleRecipesखाने में लजीज मालपुआ का वेदों में भी है उल्लेख, जानिए इसका...

खाने में लजीज मालपुआ का वेदों में भी है उल्लेख, जानिए इसका दिलचस्प इतिहास

मालपुआ एक ऐसा व्यंजन है, जिसका नाम सुनते ही आमतौर पर हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है. मालपुआ भारत का फेमस स्वीट डिश है. जिसको अक्सर बचपन में दादी-नानी किसी खास मौके पर बनाती थीं. बच्चे हों या फिर बड़े मालपुआ खाने का चाव हर किसी को होता है. भले ही समय के साथ कई मीठी चीजें आ गई हों, लेकिन मालपुआ का क्रेज अपना ही होता है.आप सिंपल आटे से इसे आसानी से बना सकती हैं, इतना ही नहीं इसको मैदे से भी बनाया जाता है और चाशनी में डुबोने के बाद ड्राई फ्रूट्स से गार्निश किया जाता है.

कई ऐसे त्योहार होते हैं जिन पर आज भी घरों में मालपुआ तो बनाया जाता है.शायद आपको ना पता हो कि ये डिश भारत ही नहीं और भी देशों में फेमस है.मालपुआ भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान जैसे देशों में काफी पसंद किया जाता है. लेकिन स्वाद को बढ़ाने वाले इस फेमस स्वीट डिश का इतिहास आप जानते हैं. तो आइए जानते हैं इसका इतिहास और इसकी विधि-

ऋग्वेद में सबसे पहले किया गया उल्लेख

चारों वेद में सबसे पुराना है ऋग्वेद है, जिसमें सबसे पहले मालपुआ का उल्लेख ‘अपुपा’ के रूप में किया गया था. कहा जाता है कि शुरू में इसको जौ से बनाया जाता था. फिर इसमें घी में तला जाता था और शहद में डुबोया जाता था. आपको बता दें कि ऋग्वेद में भोजन एक महत्वपूर्ण पहलू  बताया गया है, जिसमें अपुपा का जिक्र किया गया है. हालांकि वक्त के साथ इसने मालपुआ का रूप ले लिया है. दूसरी शताब्दी में इसका एक और नाम सामने आया. अब इसे ‘पुपालिके’ के नाम से परोसा जाने लगा, जबकि कुछ स्थानों पर इसे ‘भरवां अपुपा’ भी कहा जाता था.

मालपुआ कई हैं वैरायटी

जैसे-जैसे लोगों को मालपुआ का स्वाद मिलता गया, वैसे-वैसे इसकी वैरायटी में बदलाव आता गया. आसानी से घरों में बनने वाले मालपुआ को अंडे और मावा के साथ तैयार भी किया जाता है. फेस्टिव सीजन पर कुछ जगहों पर मालपुआ अंडे और मावा तैयार कर परोसा जाता है. कहते हैं कि बांग्लादेश में इसको फल के साथ मैश करके बनाया जाता है. फलों के साथ बनाने के लिए केला या फिर अन्य फलों को मैश कर मिक्स किया जाता है.नेपाल में इसे ‘मारपा’ कहा जाता है, और मैदा, केले, सौंफ के बीज, दूध और चीनी के मिश्रण से तैयार किया जाता है.

जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद है मालपुआ

कहते हैं कि भारत के मशहूर जगन्नाथ मंदिर में पुरी में मालपुआ भी हर दिन सुबह सबसे पहले प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. वहां मालपुआ को अमालू के नाम से जाना जाता है. भगवान जगन्नाथ को जो छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है उसमें से एक अमालू भी शामिल हैं. इसे शाम में पूजा के वक्त भी चढ़ाया जाता है.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments

deutsche porno