प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर वर्किंग वुमन को अपनी जॉब के साथ समझौता करना पड़ता है. कुछ को नौकरी छोड़नी पड़ती है, तो कुछ महिलाओं को लंबे समय तक छुट्टी लेकर बच्चे की सारी जरूरतों को पूरा करना पड़ता है. सबसे ज्यादा समस्या उन महिलाओं के सामने आती है, जिनको बच्चे की खातिर नौकरी छोड़नी पड़ती है. प्रेगनेंसी से पहले तक रोजाना 8-9 घंटे की शिफ्ट करने वाली इन महिलाओं की जिंदगी बच्चे के जन्म के बाद बस उसके आसपास तक सिमट जाती है.
ऐसे में महिलाओं के सपने तो मानो मर ही जाते हैं. वहीं कुछ सालों बाद अगर महिलाएं नई शुरुआत करना चाहें भी तो लंबे गैप की वजह से आत्मविश्वास डगमगाने लगता है. कई महिलाएं तो इस दौरान हीन भावना का शिकार भी हो जाती हैं. लेकिन इस तरह स्थितियों से हार मान लेना भी ठीक नहीं. अगर आप वाकई चाहें तो कभी भी नई शुरुआत कर सकती हैं. यहां जानिए ऐसे तरीके जो आपको फिर से नई शुरुआत करने में मदद करेंगे.
1. ये सच है कि एक महिला का जीवन सिर्फ उसका नहीं होता, समय समय पर उसे दूसरों के लिए कई बलिदान करने होते हैं. बच्चे के जन्म के समय अगर आपको नौकरी छोड़नी भी पड़े, फिर भी अपने शौक और अपने काम का अभ्यास तो आप समय मिलने पर कर ही सकती हैं, ताकि करियर पर ब्रेक का असर आपकी नॉलेज पर न पड़े. ऐसा करने से आप जब भी नई शुरुआत करना चाहें, कर सकती हैं.
2. मातृत्व भी एक सुखद अहसास होता है. इस समय को पूरे मन से जीने का प्रयास करें. खुद को कम न आंकें. मन में विश्वास रखें कि आप कभी भी और कुछ भी कर सकती हैं. इस सकारात्मक सोच से आपके अंदर कभी भी आत्मविश्वास की कमी नहीं होगी और आप कभी भी नई शुरुआत कर सकती हैं.
3. यदि लंबा गैप आ गया है और आपको संदेह है कि अब बेहतर नौकरी नहीं मिल पाएगी, तो परेशान होने की जरूरत नहीं. आप खुद का काम शुरू करें. इससे आप बच्चे की देखरेख भी कर पाएंगी और अपनी पहचान भी फिर से बना पाएंगी.
4. आजकल वर्क फ्रॉम होम का कल्चर चल गया है. पोस्ट प्रेगनेंसी ये विकल्प महिलाओं के लिए काफी अच्छा है. इसमें महिलाएं आराम से घर से नौकरी कर सकती हैं और अपने बच्चे की देखरेख कर सकती हैं. अगर ऐसा संभव न हो सके तो आप पार्ट टाइम जॉब का विकल्प भी चुन सकती हैं.
5. तरह-तरह के कोर्स ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं. खाली समय में इन कोर्सेज को कीजिए. इससे आप अपडेट रहेंगी और आपका आत्मविश्वास भी बना रहेगा. यदि आपमें काम करने का हुनर होगा, तो कभी भी आपके लिए काम की कमी नहीं होगी.
6. जब भी किसी इंटरव्यू के लिए जाएं तो कभी भी अपने इस गैप को नकारात्मक पक्ष न बताएं. इसके बारे में सकारात्मक तरीके से बात करें क्योंकि ये ब्रेक आपकी असफलता नहीं है. बल्कि बच्चे के प्रति आपकी जिम्मेदारी का हिस्सा है.