गुलाब जामुन और रसगुल्ले खाने में बहुत ही टेस्टी लगते हैं लेकिन गुलाब जामुन और रसगुल्ले खत्म होने के बाद इसकी बची हुई चाशनी आमतौर पर बेकार ही जाते हैं। ऐसे में चाशनी बनाने में चीनी का इस्तेमाल किया जाता है यानी चीनी भी बर्बाद होती है। आप अगर चाशनी को फेंकना नहीं चाहते, तो हम बता रहे हैं आपको ऐसे टिप्स जिससे आप इस चाशनी को कहीं और इस्तेमाल कर सकते हैं-
– बची हुई चाशनी से कई तरह की मिठाई बना सकते हैं। नानखटाई, बेसन की बर्फी, शक्करपारे, मीठी मठरी, बालूशाही, लड्डू, आटे के बिस्कुट, ड्राई फ्रूट्स आदि कई तरह की मिठाइयां बनाई जा सकती हैं।
– अगर पूरन पोली बनाने जा रहे हैं, तो भरावन के लिए दूसरी सामग्री के साथ चाशनी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
– पुलाव बनाने के लिए चावल को चाशनी में कुछ देर भिगोकर रखने के बाद पका लें। इससे चावल और टेस्टी बनेगा।
– बची हुई चाशनी का बूरा भी बनाकर रख सकते हैं। इसके लिए चाशनी को तब तक पकाते रहें, जब तक चाशनी सूख न जाए। अब इसे सुखाकर पाउडर बना लें।
– चाशनी की चाय और शरबत भी बना सकते हैं।
– नाश्ते के लिए मीठा पराठा या पूरी बना सकते हैं। इसके लिए आटे या सूजी को चाशनी डालकर गूंद लें।
– सूखे मेवे को कैरेमल करने के लिए चाशनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। कढ़ाई में चाशनी और सूखे मेवे डालकर लगातार चलाते हुए पका लें। बाद में इसे उताकर प्लेट में सेट होने के लिए रख दें अपनी मनचाही साइज मिठाई का स्वाद लें।