गूगल ने हमारी सारी प्रॉब्लम ही सॉल्व कर दी। अगर गूगल न हो तो आपको कोई भी जानकारी ढूंढने में या तो एक-दो दिन लग सकते है या तो महीने। गूगल वो सर्च इंजन है, जिसके बिना शायद जिंदगी अधूरी सी लगती है। कोई सवाल जहन में उठे तो गूगल करते हैं। लेकिन, शायद यह जानकारी खुद गूगल आपको नहीं देगा कि सबकुछ गूगल पर सर्च करना किसी खतरे से खाली नहीं है।
डिजिटल युग में लोग ज्यादातर मामलों में Google का सहारा लेते हैं। खासकर बात जब ऑनलाइन बैंकिंग की हो. बैंक की वेबसाइट और URL को सर्च करते हैं। लेकिन, ये सर्च करना आपके लिए खतरे से खाली नहीं है। यहां से आपकी डीटेल्स हैकर्स के हाथ लग सकती हैं।
अगर ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करना ही है तो बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट का URL सीधे एंटर करें। Google पर बैंकिंग साइट सर्च करके ओपन करने से दूसरी फिशिंग वेबसाइट भी सामने आ सकती हैं। अनजाने में आप इन वेबसाइट्स को खोल सकते हैं। यहां बैंकिंग डिटेल्स को आप दर्ज करेंगे तो ये हैकर्स के हाथ लग सकता है और आपका अकाउंट में मोटी चपत लग सकती है।
रोजाना हमें कभी बैंक तो कभी मोबाइल कंपनी के कस्टमर केयर नंबर की जरूरत होती है। अक्सर किसी भी शिकायत के लिए हम कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर गूगल सर्च करते हैं। यहीं से हैकर्स की नजर में आप आ जाते हैं। हैकर्स बैंक, कंपनियों, मोबाइल कंपनी के फेक हेल्पलाइन नंबर को गूगल सर्च में प्रमोट करते हैं। इसकी वजह से जैसे ही आप कस्टमर केयर नंबर गूगल में सर्च करेंगे, आपको फेक हेल्पलाइन नंबर मिल सकता है। इस नंबर पर कॉल करने पर हैकर आपकी प्राइवेसी में सेंध लगा सकता है।
गूगल पर सबसे ज्यादा ऐप या सॉफ्टवेयर को सर्च किया जाता है। कोई भी नई ऐप के आने पर उसकी सर्चिंग काफी बढ़ जाती है। गूगल सर्च में कई बार फिशिंग या फर्जी ऐप्स और सॉफ्टवेयर भी हो सकते हैं, जो हमारे डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के साथ ही हमारी डीटेल्स लीक कर सकते हैं। ऐप को सिर्फ गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करना चाहिए।