मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के मशहूर है. यहां बहुत से ऐतिहासिक स्थल, स्मारक, धार्मिक स्थल और संग्रहालय है. पर्यटकों को ये शहर खूब लुभाता है.
वहीं सांची स्तूप (Sanchi Stupa) भारत के सबसे पुराने बौद्ध स्मारकों में से एक है. ये पत्थर की संरचना यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है. मध्य प्रदेश में सांची स्तूप जाने के इच्छुक लोग इसके बारे कुछ अहम जानकारी यहां जान सकते हैं.
ऐतिहासिक स्थल सांची का स्तूप
सांची का स्तूप
ये भोपाल से 46 किमी की दूरी पर स्थित है, लेकिन जब आप भोपाल जाएं तो इसे अवश्य देखें. सांची का स्तूप मध्य प्रदेश के रायसेन में स्थित है, जो सम्राट अशोक द्वारा निर्मित कराया गया था. वे मौर्य राजवंश के तीसरे सम्राट थे. ये तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व और 12 वीं शताब्दी ईस्वी के बीच मौर्य युग में बना था और अपने स्तूपों और बौद्ध संरचनाओं के लिए जाना जाता है. एक ब्रिटिश अधिकारी जनरल टेलर ने सन् 1818 में सांची के स्तूप की खोज की थी. बौद्धों के लिए इस स्थान का बहुत महत्व है साल भर यहां पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं.
स्थान
स्तूप मध्य प्रदेश में सबसे अधिक देखे जाने वाले आकर्षणों में से एक है. ये रायसेन जिले में स्थित है और भोपाल से लगभग एक घंटे की दूरी पर है.
क्या एक्सप्लोर करें
परिसर के अंदर, आपको एक गाइड चुनने का विकल्प मिलेगा. पूरे परिसर के बारे में जानने के लिए लगभग एक घंटे का समय लगेगा. सांची स्तूप परिसर के ठीक बीच में स्थित है. गुंबद के आकार का ये स्मारक 120 फीट चौड़ा और 54 फीट ऊंचा है.
टिकट
स्तूप में प्रवेश करने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है. आप या तो अपना टिकट ऑनलाइन बुक कर सकते हैं या परिसर के बाहर टिकट काउंटर पर खरीद सकते हैं. भारतीयों के लिए ये टिकट 40 रूपये प्रति व्यक्ति और विदेशी यात्रियों के लिए 600 रूपये प्रति व्यक्ति है. 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क है.
पहुंचने के लिए कैसे करें
यहां पहुंचना बहुत आसान है. इस क्षेत्र में जाने वाला सबसे निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में है. हवाई अड्डे के बाहर से कई प्रीपेड टैक्सियां उपलब्ध हैं जिनकी एक राउंड-ट्रिप के लिए लगभग 2000 रूपये लेती है. ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए, भोपाल और विदिशा रेलवे स्टेशन पास हैं. विसदिशा से सांची केवल 15 मिनट की दूरी पर है.