अधिकतर बच्चों को दूध पीना बिल्कुल पसंद नही होता। वह दूध को देखकर ही मुंह बनाने लगते हैं। बच्चों के शरीर में कैल्शियम की कमी को पूर्ण करने के लिए माएं बच्चो के दूध में 2 तीन-बूंद चाय मिालकर दे देती हैं। जो कि बहुत ही गलत है। दूध में एक भी बूंद चाय मिलाने से दूध के फायदे खत्म हो जाते हैं। इससे बच्चे को कई गंभीर नुकसान होते हैं। अगर आप भी अपने बच्चों को चाय देती हैं तो उससे बच्चे का शारिरीक विकास ठीक से नहीं हो पाता। आज हम आपको यहाँ बताएंगे कि चाय पीने से बच्चों पर बुरा असर कैसे पड़ता है तो आइए जानते हैं उसके बारे में।
चाय की लत क्यों लग जाती है
प्रतिदिन बच्चों को चाय देने से आगे चलकर उनको लत लगनी शुरू हो जाती है। चाय में कैफिन की मात्रा बहुत अधिक होती है। जो दिमाग पर नशे की तरह काम करती है। जब एक बार इसकी लत लग जाए तो छुड़वाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
छोटी उम्र में चाय पीने के कुछ सामान्य साइड-इफ़ेक्ट्स
हड्डियों की कमजोरी
चाय पीने से बच्चों की हड्डियां, दांतों में बहुत दर्द होने लगता है। आगे चलकर ये दर्द बच्चों के लिए बहुत ही घातक साबित हो सकते हैं।
कैल्शियम की कमी
चाय का प्रभाव छोटे बच्चों पर बहुत ही बुरा पड़ता है। चाय पीने से बच्चों के अंदर कैल्श्यिम की कमी होने लगती है। इस कैल्श्यिम की से बच्चों को कई गंभीर समस्याएं होने लगते हैं।
ग्रोथ रूकना
चाय पीने से बच्चे की लंबाई बढ़ने से पूर्ण्तः रूक जाती है। इसके साथ ही बच्चे की मांसपेशिया ठीक ढंग से ग्रोथ नहीं कर पाती है। यही वजह है कि बच्चा अत्यधिक कमजोर और लंबाई में छोटा रह जाते है।
व्यवहार में बदलाव
चाय पीने से बच्चे के व्यवहार में भी बहुत बदलाव देखने को मिलता है। इससे वह किसी भी काम को अच्छे तरीके से नहीं कर पाता। इससे अलवा वह पूरी तरह चिड़चिड़ा होने लगता है।
नींद पर असर
बच्चों को चाय देने से नींद न आने की गंभीर समस्या उत्पन हो सकता है। क्योंकि इसमें मौजूद कैफीन बच्चों में बेचैनी और नींद संबंधी विकार पैदा कर सकती है। इससे बच्चों की एकाग्रता और सक्रियता पर गंभीर असर पड़ेगा। इसके अलावा चाय में चीनी होने की वजह से बच्चों के दांत के खराब हो सकता है। यह पेट की गंभीर समस्याओं का कारण भी हो सकता है।