Friday, November 8, 2024
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छोटे बच्चों की आंखों में काजल लगाना कितना सही !

पहले के समय में बड़े बुजुर्ग छोटे बच्चों की आंखों में काजल जरूर लगाया करते थे. उनका मानना था कि काजल लगाने से बच्चों की आंखें सुंदर और बड़ी हो जाती हैं. साथ ही इससे आंखों की तमाम परेशानियां भी दूर हो जाती हैं. लेकिन आज के समय में डॉक्टर्स की राय इसको लेकर एकदम उलट है. डॉक्टर्स का मानना है कि बच्चों की आंखों की बनावट और आकार का संबन्ध माता-पिता और परिवार के लोगों से होता है. डॉक्टर्स काजल को बच्चों के लिए नुकसानदायक मानते हैं.

पुराने लोगों का मानना है कि घर का बना काजल प्राकृतिक चीजों से मिलकर बनता है. ये पूरी तरह से ​प्राकृतिक होता है और इसे बच्चों की आंखों में लगाने से उन्हें काफी फायदा मिलता है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि घर का बना काजल भले ही कमर्शियल काजल से बेहतर हो, लेकिन इसमें भी कार्बन होता है, जो बच्चों के लिए नुकसानदायक होता है और उनके लिए कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है.

आंखों की रोशनी बढ़ाने का प्रमाण नहीं

बड़े बुजुर्गों का कहना था कि आंखों में काजल लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है, लेकिन ऐसा कोई प्रमाण नहीं है. विशेषज्ञ इसे पूरी तरह एक मिथ मानते हैं. उनका मानना है कि अगर काजल से आंखों की रोशनी बढ़ती तो हर उस व्यक्ति को काजल लगाने की सलाह दी जाती, जिनकी नजर कमजोर है.

संक्रमण का खतरा

विशेषज्ञ मानते हैं कि बच्चों की आंखें कोमल होती हैं, ऐसे में जब उंगली से उनके काजल लगाया जाता है, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा बच्चों को नहलाते समय कई बार बच्चों की आंखों और नाक के अंदर काजल चला जाता है. इसके कारण आंखों में जलन होने लगती है और कई बार नाक के छोटे-छोटे रोमछिद्र बंद होने का भी रिस्क बना रहता है.

खुजली

रोजाना काजल लगाने से ये आंखों पर जमने लगता है. इसके कारण बच्चों को खुजली होने लगती है. इसके अलावा अगर आप बाजार का काजल इस्तेमाल कर रही हैं तो ये और भी ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि इसमें लेड पाया जाता है. ये बच्चों के दिमागी विकास पर भी बुरा असर डालता है.

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