साल 1968 में आई फिल्म नील कमल सदी की श्रेष्ठ फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में राजकुमार, मनोज कुमार और वहीदा रहमान ने अभिनय किया था। फिल्म नील कमल के प्रोड्यूसर पन्ना लाल माहेश्वरी थे और इसका निर्देशन राम माहेश्वरी ने किया था। इस फिल्म को रिलीज हुए 50 साल से अधिक का वक्त हो गया है लेकिन आज भी जब टीवी पर इसका प्रसारण होता है तो बीते दिन जीवंत हो जाते हैं। यह फिल्म 1968 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी।
इस फिल्म में राजकुमार ने एक मूर्तिकार चित्रसेन का किरदार निभाया था जबकि वहीदा रहमान ने राजकुमारी नील कमल/सीता का किरदार निभाया था। वहीं मनोज कुमार राम की भूमिका में थे। फिल्म में राजकुमार का किरदार ऐसा था कि उन्हें कुछ गहने भी पहनने थे। जब फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई तो राजकुमार अपने आभूषणों को देखकर गुस्सा हो गए क्योंकि नकली गहने मंगवाए गए थे। चुंकि राजकुमार तो केवल नाम के राजकुमार नहीं थे इसलिए उन्होंने असली गहने मंगाने की डिमांड कर दी।
राजकुमार ने डायरेक्टर से कहा, ‘अगर पहनूंगा तो असली जेवर, नहीं तो शूटिंग नहीं करूंगा।’ राजकुमार की जिद ऐसी थी कि कोई भी उन्हें मना नहीं सका। इसके बाद प्रोड्यूसर पन्ना लाल माहेश्वरी ने राजकुमार से वादा किया कि उनके लिए असली जेवरात मंगवाएंगे। असली जेवरात के लिए शूटिंग रुकी रही और फिल्म के मेकर्स को काफी नुकसान हुआ। जब असली जेवरात आए तब राजकुमार ने फिल्म का पहला शॉट दिया।
इस फिल्म के लिए वहीदा रहमान को सर्वश्रेष्ठ अदाकारा का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था जबकि इसे 8 कैटेगरीज में नॉमिनेट किया गया था। फिल्म के गाने काफी हिट हुए थे। रोम रोम में बसने वाले, आजा तुझको पुकारे मेरा प्यार, बाबुल की दुआएं लेती जा आज भी सुने जाते हैं।