राजेन्द्र कुमार और राजेश खन्ना दोनों एक ही बंगले में रहे और इस बंगले में रहने के बाद ही उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में काफी सफलता मिली।
सफलता पाने के लिए मेहनत तो जरूरी है ही साथ ही साथ अगर किस्मत भी साथ दे जाए तो क्या कहने। वहीं अगर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने की बात की जाए तो आजकल टैलेंट, मेहनत के साथ-साथ किस्मत और अच्छी पकड़ की जरुरत पड़ती है, तब कहीं जाकर एक्टर सफलता के कदम चूमता है। आज हम आपको बॉलीवुड के दो सबसे मशहूर एक्टर के बारें में बताएँगे जिनको स्टारडम उन्हें एक बंगले ने दिलाई। आइये जानते है कि क्या है यह कहानी-
दरअसल हम बात कर रहे है राजेन्द्र कुमार और राजेश खन्ना की, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दोनों एक ही बंगले में रहे और इस बंगले में रहने के बाद ही उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में काफी सफलता मिली।
भुतहा बंगला से चमक गयी राजेन्द्र कुमार की किस्मत
राजेन्द्र कुमार की 60 और 70 के दशक में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में तूती बोलती थी, ऐसा कहा जाता है कि जब राजेन्द्र कुमार ने मुंबई के कार्टर रोड पर स्थित एक बंगला खरीदा तब जाकर उनकी फिल्मे चलने लगी। इस बंगले को लोग भुतहा बँगला भी कह्ते थे
इस बंगले में रहने के बाद जब राजेन्द्र कुमार की फिल्मे थियेटर में लगती थी तो उनकी फिल्मे 25 हफ्ते तक थियेटर से उतरती ही नही थी। इस वजह से उन्हें ‘जुबली कुमार’ कहा जाता था।
राजेन्द्र कुमार का मानना था कि जब उन्होंने कार्टर रोड पर स्थित इस बंगले को खरीदा तब जाकर उनकी किस्मत चमकी। राजेन्द्र कुमार ने इस बंगले का नाम अपनी बेटी के नाम पर ‘डिम्पल’ रखा। इस बंगले में रहते हुए राजेन्द्र कुमार ने शोहरत की बुलंदी को छुआ। उनकी फिल्मे एक के बाद हिट होती चली गयी। इस दौरान उन्होंने मदर इंडिया, कानून, धर्म-पुत्र, घर-संसार’ जैसी कालजयी फिल्मे दी।
तंगी में आकर बेचना [पड़ा बंगला
जैसे कि हर सूरज अस्त होता है ठीक उसी तरह से राजेन्द्र कुमार की शोहरत का भी सूरज जब अस्त होना शुरू हुआ तो वह फिल्मो में साइड रोल करने लगे उनके ऊपर कर्ज होने लगा फिर उन्होंने इस बंगले को बेचने का फैसला किया।
राजेश खन्ना ने खरीदा बंगला और उनकी भी चमक गयी किस्मत
जब राजेन्द्र कुमार के करियर का ढलान शुरू हुआ तो उस समय राजेश खन्ना एक चमकते सितारे बनके उभरे। उस समय यह खबर थी राजेन्द्र कुमार के इस बंगले में आने के बाद ही उनकी करियर में रफ़्तार मिली। इसके बाद स्ट्रगल कर रहे राजेश खन्ना ने राजेन्द्र कुमार से बंगले को खरीदने की बात की और कहा कि वह भी इस बंगले में रहकर अपनी किस्मत को चमकाना चाहते है।
चूँकि राजेन्द्र कुमार उस समय आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे इसलिए उन्होंने राजेश खन्ना को यह बंगला बेचने का निश्चय किया।
राजेश खन्ना ने 3 लाख में खरीदा यह बंगला
चूँकि जब राजेश खन्ना ने यह बंगला खरीदा तब वह एक स्ट्रगलिंग एक्टर थे उनके पास एक साथ 3 लाख रूपये देने के पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने बंगले की रकम क़िस्त में चुकाई। इस बंगले में जब राजेश खन्ना रहने आये तो उनकी भी किस्मत ने पलटी मारी और राजेश खन्ना की एक के बाद एक 15 फिल्मे सुपरहिट साबित हुई।
राजेश खन्ना ने राजेन्द्र कुमार से इस बंगले को खरीदने के बाद इसका नाम ‘आशीर्वाद’ रखा क्योंकि राजेन्द्र कुमार ने बंगले को बेचते हुए शर्त रखी थी कि वे बंगले को तभी बेचेंगे जब राजेश इस बंगले का नाम बदलेंगे।
राजेश खन्ना की मौत के बाद परिवार ने बेच दिया बंगला
हालांकि सन्न 2012 में राजेश खन्ना की मौत के बाद उनके परिवार ने इस बंगले को 90 करोड़ में बेच दिया, इस बंगले को किरन शेट्टी, जोकि एक व्यवसायी है, ने खरीदा इसे खरीदने के बाद उसने इसे तुड़वाकर चार मंजिला नई ईमारत बनवाई है।