Highlights इस बीमारी में मरीज अपने साथ हुई घटनाओं को, बातचीत को या की गई चीजों को याद नहीं कर पाते एक प्रकार का मनोभ्रंश है जिसमें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं अल्जाइमर रोग होने पर अर्थ-विज्ञान संबंधी याददाश्त पहले प्रभावित होती है
याददाश्त को प्रभावित करने वाली अल्जाइमर बीमारी जोकि एक प्रकार का मनोभ्रंश है जिसमें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं या मर जाती हैं, वह धीरे-धीरे कई लोगों को अपनी चपेट में लेता जा रहा है।
बुजुर्गों की आबादी बढ़ने के साथ 10 वर्षों में ऐसे लोगों की संख्या मौजूदा संख्या की दोगुनी होने की आशंका है। अल्जाइमर बीमारी लोगों में डर का भाव जगाता है। जब वे किसी किराने की दुकान पर कोई सामान खरीदना भूल जाते हैं तो वे इस बात को मजाक में ले सकते हैं।
वे जब किसी फिल्म के किसी कलाकार का नाम याद नहीं कर पाते तो वे चिंतित हो जाते हैं या वे जब किसी बुजुर्ग व्यक्ति को खोया हुआ देखते हैं तो इसके बारे में सोच सकते हैं। लेकिन क्या सच में पता है कि किस तरह के व्यवहार अल्जाइमर बीमारी का पता लगाने में मदद करते हैं?
यूनिवर्सिटी डे मोंट्रियल के अनुसंधान केंद्र में उम्र बढ़ने के तंत्रिका मनोविज्ञान प्रयोगशाला में अनुसंधानकर्ताओं के तौर पर हम इस सवाल का अध्ययन कर रहे हैं। जवाब बहुत आसान नहीं है।
अल्जाइमर बीमारी स्मरण शक्ति को प्रभावित करती है। लेकिन स्मरण शक्ति कोई अकेली चीज नहीं है, यह एक बास्केट जैसी है जिसमें सभी तरह की यादें एक जगह जमा होती हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि यादें कई प्रकार की होती हैं और अल्जाइमर बीमारी में ये किस हद तक प्रभावित होती हैं।
प्रासंगिक (एपिसोडिक) याददाश्त ये वे होती हैं जिनमें घटनाओं की व्यक्तिगत यादें शामिल होती हैं जैसे हमारे बचपन की यादें, हमारी सबसे अच्छी छुट्टियों के साथ ही हमने पिछले सप्ताहंत क्या किया था और हमने आज सुबह क्या खाया था, यह भी शामिल होता है।
इन्हें याद करने के लिए हमें उन क्षणों की ओर लौटना पड़ता है जब घटनाएं हुईं थी जैसे कब हुआ था? हम कहां थे? किसके साथ थे? अर्थ संबंधी याददाश्त इनमें किसी बात को याद करने के लिए हमें संदर्भ में उन्हें रखकर नहीं देखना होता।
यह बाहरी दुनिया के बारे में सामान्य ज्ञान से जुड़ा हुआ है। मस्तिष्क के अलग-अलग क्षेत्र निश्चित तौर पर, ये दोनों तरह की याददाश्त हमारे दैनिक जीवन से करीबी से जुड़ी हुई हैं।
ठीक से काम करने के लिए हमें इन दोनों को याद करते रहना होता है। दोनों के बीच संबंध होने के बावजूद ये मस्तिष्क में आंशिक रूप से अलग-अलग क्षेत्रों द्वारा समर्थित होती हैं।
अल्जाइमर में कौन सी याददाश्त प्रभावित होती है? सामान्य तौर पर, अल्जाइमर बीमारी प्रासंगिक याददाश्त घटने से जुड़ी है। मरीजों की शिकायत होती है कि वे अपने साथ हुई घटनाओं को, बातचीत को या की गई चीजों को याद नहीं कर पा रहे हैं।
हालांकि, हाल के अध्ययन दिखाते हैं कि अल्जाइमर रोग होने पर अर्थ-विज्ञान संबंधी याददाश्त पहले प्रभावित होती है। हमने पाया है कि पुरानी घटनाओं की यादों को भूलने से पहले, मरीज का धीरे-धीरे सामान्य ज्ञान कम होता है।
घबराने की बात नहीं उम्र बढ़ने के साथ हम अपनी याददाश्त को लेकर और अल्जाइमर बीमारी होने की चिंता करने लगते हैं लेकिन यह पूरी तरह सामान्य है। आपको थोड़ी सी विस्मृति से चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि व्यक्तिगत शिकायतें जरूरी नहीं कि वास्तव में स्मृति कम होने से जुड़ी हों।
उदाहरण के लिए, ये शिकायतें चिंता या अवसाद होने के लक्षणों की उपस्थिति या अकेलेपन की भावना से जुड़ी हो सकती हैं। इसके बावजूद, शुरुआती संकेतों को जानने से रोग को शुरुआती चरण में ही समझने में मदद मिल जाती है और न्यूरो मनोवैज्ञानिक से जल्द से जल्द संपर्क हो पाता है जिससे कुछ कदम उठाकर संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है।