टोक्यो ओलंपिक में गांव नीमड़ीवाली की बेटी पूजा बोहरा ने मुक्केबाजी स्पर्धा में पदक की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। पूजा ने बुधवार को हुए 75 किलोग्राम भार वर्ग के मैच में अल्जीरिया की इचराक चाइब को 5-0 से हराया है। अगले मैच में जीतते ही वह अपना पदक पक्का कर लेंगी।
पूजा को इस मुकाम पर पहुंचने से पहले अदम्य साहस, कड़ी मेहनत और परिजनों को राजी करने जैसे कठिन दौर से गुजरना पड़ा था। देशवासियों को पूजा के जज्बे और जुनून पर पूरा यकीन है। सभी को विश्वास है कि वह स्वर्ण पदक लेकर भारत लौटेंगी।
रिंग में उतरने से पहले परिजनों को राजी करना था बड़ी चुनौती
75 किलो भार वर्ग की बॉक्सर पूजा बोहरा के कोच संजय श्योराण ने बताया कि पूजा आदर्श महिला महाविद्यालय में पढ़ती थीं। उनकी पत्नी मुकेश रानी कॉलेज में लेक्चरर हैं। उसी दौरान उनका पूजा से संपर्क हुआ और उसकी प्रेरणा से पूजा ने बॉक्सिंग शुरू कर दी।
शुरुआत में परिजनों का सहयोग न होने के कारण पूजा को काफी दिक्कतें आईं। जिसकी वजह से पूजा मेरी पत्नी मुकेश रानी के पास भी बीचबीच में रहती थी। वर्ष 2014 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने के बाद परिजनों ने पूजा का साथ देना शुरू कर दिया और आज वह ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
स्वर्ण पदक की उम्मीद
पूजा बोहरा के ओलंपिक मैच में प्रथम बाउट जीतने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है। पूजा के पिता राजबीर हरियाणा पुलिस में एसआई के पद से सेवानिवृत्त हैं और माता दमयंती गृहिणी हैं। पूजा खुद भी इन दिनों आबकारी एवं कराधान विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। पूजा बोहरा के पिता फुटबाल के खिलाड़ी रह चुके हैं। ऐसे में खेलों के प्रति पूजा की रुचि बचपन से ही है। पूजा के परिवार के हर सदस्य, कोच और शुभचिंतकों को स्वर्ण पदक की पूरी उम्मीद है।
भीम अवॉर्डी पूजा ने जीते कई पदक हरियाणा सरकार के भीम अवॉर्ड से सम्मानित पूजा बोहरा ने अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दर्जनों पदक जीते हैं।
- 2010 में गोवा में हुई जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक
- 2012 में गुवाहाटी में हुई सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2013 में एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक
- 2013 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक
- 2019 में बैंकॉक में हुई एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2021 में दुबई में हुई एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक