Sunday, November 24, 2024
No menu items!
HomeLifestyleHealthडेंगू के कारण भी हो सकता है बुखार, इस तरह करें पहचान,...

डेंगू के कारण भी हो सकता है बुखार, इस तरह करें पहचान, अगर हो गया है तो करें ये काम

Facts About Dengue: आज के समय में बुखार या सर्दी-जुकाम लोगों के होश उड़ाने के लिए काफी है. हर कोई कोविड पीरिएड में हर कोई परेशानियों से बचकर रहना चाहता है. गर्मी का मौसम है और इस समय कई बीमारियां चुपके से दस्तक दे जाती है. कोरोना काल चल रहा है तो किसी को जरा सी खांसी या बुखार भी हो जाए तो डर लगने लगता है.

डेंगू (Dengue) के मच्‍छर भी अब हमारे आसपास दस्‍तक दे रहे हैं और लोगों को अपनी चपेट में ले रहे हैं. डेंगू एक ऐसा बुखार है जो मच्‍छर (Mosquito) जनित वायरल बीमारी है जिसमें सिर में दर्द, तेज बुखार, शरीर में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं. हेल्थ एक्सपर्टस की मानें तो डेंगू के मच्छर के काटने के तुरंत बाद आपको इसका पता नहीं लगता है. लक्षण करीब तीन से चार दिन बाद दिखाई देने लगते हैं.

मादा मच्छर के काटने से फैलता है डेंगू
डेंगू (Dengue) एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या बीमारी है जिसमें तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं. यह फीमेल एडीज मच्छर के काटने से होता है. डेंगू दरअसल फ्लेविविरिडे परिवार का वायरस है. हालांकि ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहता है पर किसी भी तरह की लापरवाही बहुत ही हानिकारक साबित हो सकती है.

क्‍या हैं डेंगू के लक्षण
डेंगू हल्‍का और गंभीर दोनों तरीके से हो सकता है. संक्रमित होने पर इसके लक्षण 4 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं

हल्के लक्षण
तेज बुखार होना, सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, आंखों में दर्द होना, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते होना, ग्लैंड्स में सूजन होना आदि इसके हल्के लक्षण हैं.

गंभीर लक्षण
जबकि गंभीर मामले होने पर गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी होना, उल्टी में खून आना, मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव, मूत्र, मल में खून आना, सांस लेने में कठिनाई, थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन आदि हैं.

डेंगू के लक्षण दिखने पर टेस्ट कराएं
ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें. कंप्‍लीट Blood काउंट टेस्ट कराएं, जिससे जानकारी मिले कि शरीर में प्‍लेटलेट्स की क्‍या स्थिति है. इसी के आधार पर डॉक्‍टर आपका इलाज करते हैं. डेंगू एनएस1 एजी के लिए एलिसा टेस्ट कराएं. इस ब्‍लड टेस्‍ट से Dengu वायरस एंटीजेन का पता चलता है.

शुरुआती चरण में आप PCR टेस्ट करा सकते हैं. सीरम आईजीजी और आईजीएम टेस्ट कराएं. इससे शरीर में एंटीबॉडीज के निर्माण के स्‍तर की जानकारी मिलती है.

कैसी होनी चाहिए डाइट
खूब सारा पानी और ORS पिएं. अपने खान पान पर विशेष ध्यान दें. नारियल पानी, सूप, छाछ, काढ़ा, अनार आदि का ज्यादा खाएं. दलिया और खिचड़ी भी खाएं. इसके अलावा गिलोय, पपीता के पत्तों का काढ़ा, ब्रोकली भी खाएं.

इन खास बातों का रखें ध्यान
शरीर को हाइड्रेट बनाए रखें. इसके लिए अधिक से अधिक मात्रा में लिक्विड डायट दें. जैसे इलेक्ट्रॉल पाउडर, नारियल पानी, जूस, पपीते के पत्तों का जूस, अमरूद के पत्तों का रस इत्यादि. ध्यान रखना चाहिए कि मरीज को किसी भी सूरत में डायरिया या वॉमिटिंग की समस्या ना हो. अन्यथा रोगी की स्थिति गंभीर हो सकती है.

इस दौरान ब्लड प्रेशर की जांच हर 4 से 6 घंटे में और प्लेटलेट्स की जांच हर दो से तीन दिन पर कराएं. यदि प्लेटलेट्स का काउंट 50 हजार से नीचे है तो हर 12 घंटे में और यदि 50 से एक लाख के बीच है तो हर 24 घंटे में एक बार और यदि इनका काउंट एक लाख से ऊपर है तो दो दिन में जांच कराएं. प्लेटलेट्स नॉर्मल होने पर आप इसकी जांच बंद करा सकते हैं.

डेंगू से कैसे करें बचाव?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आपको कोई गंभीर परेशानी महसूस नहीं हो रही हो तो घर ही इलाज बेहतर है. सोते समय मच्‍छरदानी का प्रयोग करें. अपने घर के आसपास पानी जमा ना होने दें. कचरे के डिब्बों को ढ़क कर रखें. समय-समय पर कूलर का पानी बदलते रहें. पानी को ढंक कर रखें क्‍योंकि इन जगहों पर ही मच्छर अंडे देते हैं. घर के बाहर जहां पर पानी जमा हो वहां पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.

क्‍या कहती है रिपोर्ट?
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में डेंगू के केस सामने आते हैं और करीब 3 बिलियन लोग डेंगू के प्रभावित एरिया में रहते हैं जिसमें भारत, चीन, अफ्रीका, ताइवान और मैक्सिको आदि देश शामिल हैं. अकेले भारत की बात की जाए तो नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में केवल भारत में डेंगू के 67,000 मामले सामने आए थे.

डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. हम इनकी पुष्टि नहीं करते है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments