एक क्रिकेटर का करियर महज तीन टेस्ट के बाद ठहर गया था। क्रिकेटर को दो दशक से भी अधिक समय तक टेस्ट खेलने के लिए इंतजार करना पड़ा था।
क्रिकेट इतिहास दिलचस्प और अनोखे रिकॉर्ड से भरा पड़ा है। कई रिकॉर्ड दशकों गुजर जाने के बावजूद बरकरार हैं। ऐसा ही एक कारनामा पूर्व क्रिकेटर जॉन ट्राइकॉस के नाम दर्ज है, जो करीब तीन दशक पहले बना था। दरअसल, ट्राइकॉस सबसे लंबे अंतराल के बाद टेस्ट टीम में लौटने वाले खिलाड़ियों की फेहरिस्त में टॉप पर हैं। ऑफ स्पिनर रहे ट्राइकॉस आज यानी सोमवार को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 17 मई, 1947 को इजिप्ट में हुआ था। वह दो देशों- दक्षिण अफ्रीका और जिंबाब्वे की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले।
ट्राइकॉस को 22 साल बाद मिली बड़ी खुशी
जॉन ट्राइकॉस ने अपने क्रिकेट करियर का आगाज 1970 में दक्षिण अफ्रीका की तरफ से किया। उन्होंने पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला। उन्होंने डेब्यू टेस्ट में तीन विकेट चटकाए। इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध दो और टेस्ट में मौका दिया गया, जिसमें वो एक ही विकेट झटके सके। तीन टेस्ट के बाद ट्राइकॉस अचानक गायब हो गए और काफी समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे। ऐसे में उन्होंने जिंबाब्वे के लिए खेलने का फैसला किया और 1983 में वनडे में डेब्यू कर लिया।
हालांकि, ट्राइकॉस को टेस्ट खेलने की जिस खुशी की दरकार था, उसके लिए उन्हें वनडे टीम में आने के बाद भी इंतजार करना पड़ा। क्योंकि जिंबाब्वे की टीम को तब तक टेस्ट खेलने वाले देश का दर्जा नहीं मिला था। ट्राइकॉस की यह दिली इच्छा अक्टूबर, 1992 में पूरी हुई, जब जिंबाब्वे ने भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला। ट्राइकॉस के टेस्ट करियर पर पसरे सन्नाटे को खत्म होने में 22 साल और 222 के वक्त लगा, जो आज एक विश्व रिकॉर्ड है। ट्राइकॉस के अलावा कोई भी खिलाड़ी टेस्ट टीम में इतने अंतराल के बाद वापसी नहीं कर सका है।
करियर में कम ही मैच खेल सके ट्राइकॉस
ट्राइकॉस ने अपने क्रिकेटर करियर भले ही 1970 से शुरू किया हो, लेकिन वह अधिक मैच नहीं खेल सके। उन्होंने 7 टेस्ट और 27 वनडे मुकाबले खेले, जिसमें उन्होंने क्रमश: 18 और 19 विकेट अपने नाम किए। उन्होंने करियर में सिर्फ 1 मर्तबा किसी मैच में 5 विकेट लिए। उन्होंने यह उपलब्धि जिंबाब्वे के पदार्पण टेस्ट में हासिल की थी। ट्राइकॉस ने अपना आखिरी टेस्ट और वनडे भारत के खिलाफ साल 1993 में खेला।