भारतीय तीरंदाजी की सितारा जोड़ी दीपिका कुमारी और उनके पति अतनु दास ने दो व्यक्तिगत गोल्ड जीते, जिससे भारत ने विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए टूर्नामेंट के पहले चरण में तीन गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी दीपिका ने अपने कैरियर में विश्व कप में तीसरा व्यक्तिगत गोल्ड जीता. वहीं दास ने विश्व कप में पहला गोल्ड अपने नाम करते हुए पुरुषों के रिकर्व व्यक्तिगत फाइनल में बाजी मारी. दोनों ने तीरंदाजी विश्व कप फाइनल के लिए क्वॉलिफाई भी कर लिया.
पिछले साल जून में दीपिका से विवाह करने वाले दास ने कहा, ”हम साथ में यात्रा करते हैं, अभ्यास करते हैं, प्रतियोगिता करते हैं और जीतते हैं. उसे पता है कि मुझे क्या पसंद है और मुझे पता है कि उसे क्या पसंद है.” भारत के रिकर्व तीरंदाजों का यह विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जिन्होंने दो व्यक्तिगत और एक टीम गोल्ड जीता.
रिकर्व पुरुष वर्ग में भी भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.इससे पहले 2009 में जयंत तालुकदार ने क्रोएशिया में गोल्ड जीता था. भारत के लिए दीपिका, अंकिता भकत और कोमलिका बारी ने टीम वर्गमें गोल्ड जीतकर शुरुआत की. तीनों ने शूट ऑफ में मैक्सिको को 5-4 से हराया. इससे पहले भकत और दास ने अमेरिका को 6-2 से हराकर ब्रॉन्ज जीता था.
आखिर में दीपिका और दास ने व्यक्तिगत वर्ग में गोल्ड जीता. दीपिका ने अमेरिका की आठवीं वरीयता प्राप्त मैकेंजी ब्राउन को 6 . 5 से मात दी. सेमीफाइनल में उसने अलेजांद्रा वालेंशिया को 7 . 3 से हराया था. दीपिका के कैरियर का यह तीसरा गोल्ड था जिसने साल्टलेक सिटी में 2018 में पहली बार पीला तमगा जीता था.जीत के बाद उसने कहा, ”दिल की धड़कनों पर काबू पाना काफी कठिन था. उससे मैं नर्वस हो रही थी. जीतकर आत्मविश्वास बढ़ा है.” दास ने स्पेन के डेनियल कास्त्रो को 6 . 4 से हराया. इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अंताल्या में 2016 में था, जब वह चौथे स्थान पर रहे थे. उन्होंने कहा, ”अद्भुत लग रहा है. यह सपना सच होने जैसा है.मैने इतने साल जो मेहनत की है, वह रंग लाई.”