हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े इन्फ्लूएंसर दिलीप कुमार माने जाते हैं. इन्हें कई नामों से जाना जाता है. कोई इन्हें भारत का पहला मेथड एक्टर कहता है तो कोई इन्हें भारत का पहला मेथड एक्टर कहता है तो कोई ट्रैजिडी किंग, लेकिन आप इनका असली नाम न भूलें. दरअसल, दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था. एक्टर ने अपना नाम एक प्रेड्यूसर के कहने पर बदला था, जिसके बाद उन्हें स्क्रीन पर दिलीप कुमार के नाम से लोग जानने लगे थे. बता दें कि दिलीप कुमार की पहली फिल्म ‘ज्वार भाटा’ की प्रोड्यूसर देविका रानी ने उन्हें यह नाम दिया था. एक्टर ने इसकी जानकारी अपनी लिखी किताब ‘दिलीप कुमारः द सब्सटेंड एंड द शैडो’ के जरिए फैन्स को दी. उन्होंने बताया कि कैसे मोहम्मद यूसुफ खान से यह दिलीप कुमार बने.
दिलीप कुमार ने साझा किया किस्सा
दिलीप ने बुक में लिखा, “देविका रानी ने मुझसे कहा कि यूसुफ, मैं तुम्हें बतौर एक्टर लॉन्च करने का सोच रही हूं और मैं सोच रही हूं और मैं सोचती हूं कि स्क्रीन पर तुम्हारा नाम बदलना सही आइडिया है. कोई ऐसा नाम तुम्हें दिया जाए जो तुम्हें ऑडियंस से कनेक्ट करे और रोमांटिक इमेज बन सके. तुम्हारे स्क्रीन पर आते ही लोगों के दिमाग में एक छवि बन जाए. मुझे लगता है कि दिलीप कुमार अच्छा नाम है. यह मेरे दिमाग में अभी आया, जब मैं तुम्हारे लिए सही नाम सोच रही थी. तुम्हें कैसा लग रहा है यह नाम?”
इसलिए चुनी दिलीप कुमार ने एक्टिंग
दिलीप कुमार बताते हैं कि एक्टिंग का करियर मैंने इसलिए चुना, क्योंकि मुझे वह चार फिगर में सैलरी काफी आकर्षित कर रही थी. मेरे पिता एक्टिंग को ‘नौटंकी’ कहा करते थे. ऐसे में मैंने स्क्रीन पर अपना नाम बदलना ठीक समझा, लेकिन पिताजी को इस बारे में नहीं बताया, क्योंकि उनसे पिटाई होने का डर था.