पंजशाीर घाटी (Panjshir Valley) में कब्जा जमाने की हरसंभव कोशिश कर रहे तालिबान को अब पाकिस्तान का साथ मिला है. ताजा जानकारी के मुताबिक, पंजशीर में पाकिस्तानी एयरफोर्स के ड्रोन से हमला किया गया है. अफगानिस्तान के सामंगन प्रांत से पूर्व सांसद जिया अरियनजादो ने यह बात कही है. दूसरी तरफ तालिबान और रेजिस्टेंस फ्रंट अपने-अपने दावे कर रहे हैं.
तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर घाटी पर कंट्रोल हासिल कर लिया है. वहीं पंजशीर रेजिस्टेंस फ्रंट का दावा है कि अभी उन्हीं का कब्जा है. बता दें कि फिलहाल पंजशीर प्रांत को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. तालिबान इस हफ्ते अफगान में सरकार बना सकता है.
पाकिस्तानी ड्रोन हमलों की बात सामंगन प्रांत से पूर्व सांसद जिया अरियनजादो ने कही. वह बोले, ‘पंजशीर पर पाकिस्तानी वायुसेना ने ड्रोन की मदद से बमबारी की है. इसमें स्मार्ट बमों का इस्तेमाल किया गया है.’ इस बीच सोमवार पंजशीर में रजिस्टेंस फ्रंट ने तालिबान को सीजफायर का भी प्रस्ताव दिया है. जानकारी मिली है कि सालेह फिलहाल अज्ञात स्थान पर सुरक्षित हैं. वहीं असद महमूद पिछले तीन दिनों से ताजिकिस्तान में हैं.
इस जंग में पंजशीर रेजिस्टेंस फ्रंट थोड़ा कमजोर दिख रहा है. रविवार को फ्रंट को बड़ा झटका भी लगा है. जानकारी के मुताबिक, तालिबान से जंग से बीच रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता और घाटी में तालिबान से लोहा ले रहे अहमद मसूद के करीबी फहीम दश्ती की मौत हो गई है.
अमरुल्लाह सालेह ने लिखा UN को पत्र
अफगान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने इस बीच संयुक्त राष्ट्र (UN) को पत्र भी लिखा है. इसमें कहा गया है कि पंजशीर में तालिबान ने जरूरी सामानों की सप्लाई रोक दी है, जिससे अमानवीय संकट पैदा हो गया है. आगे कहा गया है कि अगर UN ने उनकी बातों को नजरअंदाज किया तो पंजशीर में मानवीय तबाही हो जाएगी. आगे पंजशीर में तालिबान के हाथों नरसंहार का खतरा जताया गया है.