अफगानिस्तान में तालिबान को कड़ी टक्कर दे रहे पंजशीर प्रांत को भी आखिरकार हार का मुंह देखना पड़ा है. पंजशीर से जो ताजा तस्वीरें आ रही हैं, वह बताती हैं कि वहां तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है. तालिबान ने खुद भी दावा किया है कि उसने पंजशीर को पूरी तरह से जीत लिया है. कुछ तस्वीरें भी आई हैं, इसमें एक में पंजशीर में तालिबान का झंडा लगा हुआ है, वहीं दूसरी में तालिबानी पंजशीर गवर्नर ऑफिस के बाहर खड़े दिख रहे हैं.
हालांकि, अफगान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के करीबी ने आजतक से बातचीत में कहा है कि तालिबान का दावा झूठा है और रेजिस्टेंस फोर्स पहाड़ियों से पंजशीर का रक्षा कर रही है. दावा किया गया है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स भी उनपर हमले कर रही है.
वहीं, तालिबान की तरफ से एक दावा और किया गया है. कहा गया है कि उन्होंने रजिस्टेंस फोर्स (नॉर्दन अलायंस) के चीफ कमांडर सालेह मोहम्मद को भी मार दिया है. तालिबान की तरफ से प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत को भी पूरी तरह जीत लिया गया है. बता दें कि पंजशीर आखिरी प्रांत था जिसपर तालिबान का कब्जा नहीं था. इससे पहले 15 अगस्त को काबुल पर जीत के साथ तालिबान ने पूरे अफगान पर कब्जा जमा लिया था.
तालिबान के आगे कमजोर पड़ गया था पंजशीर
रविवार रात से ही पंजशीर के लड़ाके कमजोर दिखने लगे थे. रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता और घाटी में तालिबान से लोहा ले रहे अहमद मसूद के करीबी फहीम दश्ती की भी रविवार को मौत हो गई थी. यह जानकारी भी सामने आई थी कि अफगान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह फिलहाल अज्ञात स्थान पर सुरक्षित हैं. वहीं असद महमूद पिछले तीन दिनों से ताजिकिस्तान में हैं.
कमजोर पड़ने के बाद नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान (NRF) ने एक बयान जारी किया था. बयान में तालिबान से सीजफायर करने की मांग की गई थी और युद्ध खत्म कर बातचीत करने को कहा गया था. हालांकि, तालिबान ने सीजफायर का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. इसके अलावा पंजशीर पर जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, उन्हें हटाकर आम लोगों को राहत देने की अपील हुई थी.