आजकल लोगों के बीच बाजार के रेडीमेड आटे की रोटियां खाने का चलन है. लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया है कि बाजार के आटे को काफी दिनों तक रखने के बावजूद भी इसमें घुन या कीड़े नहीं पड़ते, जबकि घर के गेहूं को पिसवाने के बाद जो आटा तैयार होता है, उसमें कुछ ही दिनों में घुन पड़ जाते हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि बाजार के आटे में कीड़े न पड़ने के लिए कुछ चीजों की मिलावट की जाती है. ये आटा जितना ज्यादा पुराना हो जाता है, उतना ही ज्यादा सेहत के लिए नुकसानदायक हो जाता है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके बाजार के आटे को छोड़कर चक्की पर पिसे आटे की रोटियां खाना शुरू कीजिए. यहां जानिए हमें किस तरह के आटे की रोटियां खानी चाहिए.
पेट की समस्याओं को दूर करेगा ये आटा
ज्यादातर आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि बेहतर सेहत के लिए हमें मोटा अनाज खाना चाहिए. जबकि बाजार का आटा बहुत ज्यादा बारीक होता है. इसलिए जब भी आटा पिसवाने के लिए जाएं तो गेहूं में ज्वार, मक्का, जौ, रागी, बाजरा, सोयाबीन और चने को भी मिक्स करवा लें. अगर 15 किलो गेहूं है, तो इसमें ये सभी चीजें एक-एक किलो लेकर मिक्स करवाएं. यकीन मानिए इस आटे से बनी रोटियां न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट लगेंगी, बल्कि पेट की तमाम समस्याओं को दूर करने के लिए भी रामबाण औषधि का काम करेगी.
छोटी-बड़ी आंत की सफाई करता
विशेषज्ञों का मानना है कि ये आटा, गेहूं के आटे से कई गुना ज्यादा पोषक तत्वों से भरपूर होता है. ये पेट का हाजमा बेहतर करता है, साथ ही छोटी और बड़ी आंत की बेहतर तरीके से सफाई कर देता है. इसकी वजह से पेट की तमाम समस्याओं का निदान होता है.
इन समस्याओं में मिलती राहत
इस आटे की बनी रोटियों का सेवन करने से कब्ज, गैस, बवासीर, सिर दर्द, सिर में भारीपन, थकान, कमजोरी, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, बीपी जैसी तमाम समस्याओं से राहत मिलती है.