सपने देखना एक नॉर्मल प्रक्रिया का हिस्सा है. सामान्य दिनों में भी हम सब अच्छे और बुरे सपने देखते हैं. कुछ सपने हमें याद रहते हैं और कुछ हम भूल जाते हैं. लेकिन उनके इमोशंस हमारे दिमाग में जरूर रहते हैं. लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को सपने आने की फ्रीक्वेंसी, गहराई और सपनों के प्रकार बदल जाते हैं.
तमाम महिलाओं का कहना होता है कि उन्हें डरावने या टेंशन देने वाले सपने आते हैं, जिनसे उनका स्ट्रेस बढ़ जाता है. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. यहां जानिए इसका कारण और इस परेशानी से बचने का तरीका.
ये है वजह
दरअसल प्रेगनेंसी के दौरान विस्तृत सपने बहुत अधिक मात्रा में आते हैं. ऐसा लगता है कि मानो आप उस परिस्थिति को जी रहे हों. जिन महिलाओं को ज्यादा सपने नहीं भी आते हैं, वे भी इस दौरान काफी सपने देखने लगती हैं. विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा अक्सर हॉर्मोन्स में उतार-चढ़ाव की वजह से होता है. हार्मोनल बदलावों का महिला के शरीर पर काफी गहरा असर पड़ता है. इसी का प्रभाव महिलाओं के सपने में दिखाई देता है.
स्लीपिंग पैटर्न में आ जाता है बदलाव
हॉर्मोन्स में उतार-चढ़ाव की वजह से महिलाओं को मूड स्विंग्स, एंग्जाइटी, थकान घबराहट जैसी परेशानियां होती हैं. इस कारण उनका शरीर ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहता है. लेकिन उनके स्लीपिंग पैटर्न में पूरी तरह से बदलाव हो जाता है, इस कारण जब वे सोती हैं तो उनकी मानसिक स्थिति का असर उनके सपनों के रूप में प्रदर्शित होता है और उन्हें बेचैनी को बढ़ा देने वाले सपने आते हैं. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं अपने सुरक्षित प्रसव, बच्चे की सेहत और तमाम बातों को लेकर भी परेशान होती हैं और काफी गहराई से सोचती हैं. ऐसे में उनकी ये सोचने की प्रवृत्ति उनके सपने में भी सामने आती है और उन्हें एंग्जाइटी से भरे सपने, डरावने सपने विस्तार से आते हैं.
क्या करें
स्ट्रेस को कम करें. इसके लिए डॉक्टर द्वारा निर्देशित योग करें. नियमित रूप से मेडिटेशन करें. अपने आप को ज्यादा से ज्यादा पसंदीदा कामों को करने में व्यस्त करें. अच्छी किताबें पढ़ें. सकारात्मक रहें.