Wednesday, July 3, 2024
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बिना सरकार को सूचना दिए सीक्रेट विजिट पर काबुल एयरपोर्ट पहुंचे अमेरिकी सांसद, वापस लौटकर किए चौंकाने वाले खुलासे

Congressman Secret Visit to Kabul: अमेरिकी कांग्रेस के दो सांसद बिना कोई सूचना दिए अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पहुंच गए. इनमें से एक सांसद ने वहां की स्थिति बताते हुए चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि अमेरिकी राजनयिक और सैनिक रो रहे थे. डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद सेथ मौलटन (Seth Moulton) ने कहा कि एयरपोर्ट के भीतर की स्थिति बेहद दु: खद है. जब अमेरिकी विदेश विभाग और अमेरिकी सैन्य कर्मियों को इस सीक्रेट यात्रा का पता चला तो उन्हें तुरंत सुरक्षा एवं सूचना मुहैया कराने के लिए संसाधन लगाने पड़े.

मौलटन इससे पहले चार बार इराक का दौरा भी कर चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने अफगान लोगों के लिए अधिक वीजा देने की वकालत की है. उन्होंने न्यूयॉर्क मैग्जीन से बात करते हुए कहा, ‘मैंने कभी इतने लोगों को रोते हुए नहीं देखा है. विदेश विभाग के अनुभवी लोग भी आंसू बहा रहे थे (Hamid Karzai International Airport). वो अपने काम को लेकर बात कर रहे थे और मुझे गले लगा रहे थे, मेरे वहां पहुंचने पर मुझे धन्यवाद बोल रहे थे.’ मौलटन के साथ पीटर मीजर भी चार्टर विमान से काबुल पहुंचे थे.

‘लोग हैंगर की तरह लटके हुए थे’

उन्होंने बताया कि ‘120 डिग्री की गर्मी में विमान के पंखों के नीचे लोग शरण ले रहे थे, जो सुरक्षित नहीं है. वो हैंगर की तरह लटके हुए थे (Current Situation of Kabul Airport). हम जमीनी स्तर पर ही ये समझ सकते हैं कि हम इस समस्या को कभी खत्म नहीं कर सकते, चाहे फिर समयसीमा को बढ़ाकर 11 सितंबर ही क्यों ना कर दिया जाए.’ हालांकि सांसदों की इस यात्रा के बाद हालात और बिगड़ गए क्योंकि गुरुवार को आईएसआईएस-के ने एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमला कर दिया. जिसमें 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई.

बाइडेन प्रशासन की आलोचना की

सेथ मौलटन ने स्थिति को ठीक से नहीं संभालने पर बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) की आलोचना भी की. मौलटन ने कहा, ‘एक बात सभी को समझनी चाहिए, चाहे फिर आप बाइडेन प्रशासन के सैनिकों की वापसी वाले फैसले को सही मानते हों, जिस तरह से उन्होंने स्थिति को संभाला है, वह बेहद भयंकर है.’ उन्होंने कहा कि हमें तालिबान के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने की जरूरत है, ताकि वहां जो हजारों लोग रह गए हैं, उन्हें लाया जा सके. अपनी इस यात्रा का बचाव करते हुए मौलटन ने कहा कि हमारा उद्देश्य सच का पता लगाना और कुछ जिंदगियां बचाना था.

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