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Sunday, September 29, 2024
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ब्रेस्ट टैक्स से लेकर दाढ़ी बढ़ाने और खि​ड़कियां लगवाने तक.. एक जमाने में लगते थे कैसे-कैसे मनमाने Tax?

The Most Horrendous Tax History Has Ever Seen: आप जिस घर में रहते हैं, उसके लिए नगरपालिका को टैक्स देना होता है. जिस जमीन पर मकान बना है, उसके लिए राजस्व विभाग को टैक्स देना होता है. एक सीमा से अधिक आय पर उसके अनुसार इनकम टैक्स देना होता है. आप जो सामान खरीदते हैं, उसपर भी कई तरह के टैक्स लगे होते हैं. सेल टैक्स, वैट, जीएसटी…. और भी कई तरह के टैक्स होते हैं. इन तमाम टैक्स के ऊपर भी कई बार सरकार ऊपरी टैक्‍स यानी सेस लगाती है.

बहुत सारे लोगों के मन में खीझ पैदा होती है. लेकिन आपके द्वारा दिया गया टैक्स देश के विकास कार्यों में लगाया जाता है. बहरहाल खुद को खुशनसीब समझिए कि आप इस सदी में जी रहे हैं. एक जमाने में ऐसे-ऐसे अजीब टैक्स लगते थे, जिनमें से कुछ पर आपको आश्चर्य लग सकता है, तो कुछ टैक्स के बारे में जानकर आप गुस्से से भर जाएंगे. आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसे ही टैक्स के बारे में:

मकान में बनवाई गई खिड़की पर टैक्स

स्कूपव्हूप की रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड ने वर्ष 1696 में खिड़की पर टैक्स लगा दिया था. जिन लोगों के घर में ज्यादा खिड़कियां होती थीं, उन्हें अधिक टैक्स देना होता था. इस टैक्स के लगने के बाद लोगों ने अपने मकानों में खिड़कियां बंद करवाने लगे. आज भी इंग्लैंड में काफी पुराने ऐसे मकान दिख जाते हैं. हालांकि खि​ड़कियां बंद होने से लोगों को मकान के अंदर सर्फुकेशन होने लगा और सांस संबंधी दिक्कतें होने लगीं. वर्ष 1851 में इस टैक्स को हटा लिया गया.

फूड ऑयल पर भी टैक्‍स

एक जमाने में मिस्र में लोगों को खाना पकाने के तेल पर भी टैक्स देना पड़ता था. लोग टैक्स वाला तेल ही खरीद सकते थे. प्रशासन की ओर से घर-घर जाकर अक्‍सर इस बात की तलाशी ली जाती थी कि कहीं कोई बिना टैक्‍स वाले तेल का दोबारा इस्तेमाल तो नहीं कर रहा. हालांकि क्‍या आप जानते हैं, आप आज भी अपने किचन में जो तेल इस्‍तेमाल करते हैं, उसपर टैक्‍स लगा होता है!

दाढ़ी बढ़ाने पर भी टैक्स

वर्ष 1705 में रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने दाढ़ी पर भी टैक्स लगा दिया था. जिन्हें दाढ़ी रखनी होती थे, उन्हें टैक्स देना होता था. टैक्स देने पर उन्हें प्रमाण के तौर पर टोकन दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माना जाता है कि इसके पीछे का मकसद था- ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग क्‍लीन-शेव दिखें. पश्चिमी यूरोप में ज्यादातर पुरुष ऐसे ही रहते थे.

कनाडा में चाइनीज लोगों पर टैक्स

वर्ष 1885 में कनाडा में ‘Chinese Head Tax’ नाम से एक टैक्स निकाला. इस टैक्स में कनाडा में चीनी प्रवासियों के प्रवेश पर टैक्स लगाया गया था. वर्ष 1923 में कुछ एक्सेप्शन के साथ चीनी प्रवासियों पर रोक लगा दी गई.

चिमनी पर टैक्स

वर्ष 1660 में इंग्लैंड ने चिमनियों पर टैक्स लगा दिया था. टैक्स नहीं चुकाना पड़े, इस​के लिए लोगों ने अपने घरों के फायरप्लेसेस को ढकना शुरू कर दिया था. 17वीं सदी के इंग्लैंड में तब और भी ज्यादा भीषण ठंड पड़ती थी. बहरहाल 1689 में इस टैक्स को खत्म कर दिया गया.

साबुन पर भारी टैक्स

वर्ष 1712 की बात है, जब यूरोप में सरकार ने साबुन पर भारी टैक्स लगाया. यह इतना ज्यादा था कि साबुन निर्माता इसकी कालाबाजारी करने लगे. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह टैक्स 141 साल तक रहा. वर्ष 1835 में इस टैक्स को हटाया गया.

ब्रेस्ट टैक्स यानी स्तन ढकने का कर

यह किसी विदेश की बात नहीं, बल्कि भारत में ही यह टैक्स लगता था. दरअसल, 19वीं सदी में केरल के त्रावणकोर में निचली जाति की महिलाएं अपने स्तन नहीं ढक सकती थीं. स्तन ढकने पर उन्हें ‘ब्रेस्ट टैक्स’ यानी ‘स्तन कर’ देना पड़ता था. यह टैक्स 1924 तक बना रहा. नंगेली नाम की महिला ने विरोध जताया. जब राजा के मुंशी टैक्स लेने आए तो नंगेली ने अपना स्तन काटकर सामने रख दिया.

हालांकि खून बहने से उसकी मौत हो गई. थीं, जब उनसे स्तन ढकने के लिए कर मांगा गया तो नंगेली ने अपना स्तन ख़ुद काटकर उनके सामने रख दिया. उसके बलिदान के बाद यह बात काफी ऊपर तक पहुंची और टैक्‍स हटा लिया गया.

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