भारत में कोविड के संक्रमण से तो काफी लोग परेशान है लेकिन इससे संबंधित एक और लक्षण- ब्लैक फंगस तेजी से उभरा है जो कई लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है. ये वायरस लोगों की आंखों की रोशनी को संक्रमित कर रहा है जिससे आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली जाती है. इसके बारे में जागरूक होने के लिए आपको फंगल संक्रमण के बारे में जानने की जरूरत है-
ब्लैक फंगस क्या है?
ब्लैक फंगस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिकोसिस नामक फंगस के एक ग्रुप की वजह से होता है. ये पर्यावरण में हमेशा से रहे हैं और अक्सर सड़ते हुए भोजन पर देखे जा सकते हैं. पहले मानव शरीर इस संक्रमण से इम्यून था. हालांकि, कोरोनावायरस के आने के साथ हमारी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो रही है, फंगस अब मानव शरीर को घातक परिणामों के साथ संक्रमित कर सकता है. ये अब आमतौर पर अनियंत्रित डायबिटीज और लंबे समय तक आईसीयू में रहने वाले कोविड संक्रमित रोगियों में देखा जाता है.
क्या ये आपके आई साइट को प्रभावित कर सकता है?
हाल ही में भारत के अलग-अलग राज्यों में कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आए हैं. अकेले तेलंगाना के सरोजिनी देवी नेत्र अस्पताल में 11 लोगों ने इस स्थिति से पीड़ित होने की सूचना दी. उनमें से तीन ने स्थायी रूप से अपनी आंखें खो दीं.
डॉक्टरों के मुताबिक ये संक्रमण हवा के जरिए इंसान के शरीर में पहुंचता है. अगर उपचार न किया जाए या कभी-कभी उपचार के बावजूद, संक्रमण नथुने से उस एरिया में फैलने लगता है जो आंखों और मस्तिष्क के आस-पास होती है.
लक्षण क्या हैं?
संक्रमण का शुरुआती स्टेप साइनस, चेहरे का दर्द, बुखार, भरी हुई नाक और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखा सकता है. बाद में ये नाक से खून निकलना, दांत दर्द, सूजन या डिस्कलरेशन भी पैदा कर सकता है. एक गंभीर अवस्था के दौरान जब संक्रमण आंखों और मस्तिष्क के आस-पास पहुंचता है, तो ये लक्षण पाए जा सकते हैं-
• आंखों में दर्द
• आंखों से ड्रॉप गिरना
• आंखों के मूवमेंट में कठिनाई
• विजन में कमी
• मुंह का रंग काला पड़ना
• बेहोशी की हालत
इलाज क्या है?
इलाज में दवा और सर्जरी का कॉम्बिनेशन शामिल है. कुछ एंटिफंगल दवाओं का इस्तेमाल वायरस को मारने के लिए पहले स्टेप में किया जा सकता है. इस मामले में सही इलाज का फैसला करने के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करने की सलाह दी जाती है.