Saturday, November 23, 2024
No menu items!
HomeLifestyleTravelमहाराष्ट्र की अजन्ता एलोरा गुफाओं के बारे में सुना है तो अब...

महाराष्ट्र की अजन्ता एलोरा गुफाओं के बारे में सुना है तो अब घूम भी लीजिए

महाराष्ट्र का पांचवा सबसे बड़ा शहर औरंगाबाद अपने गहरे इतिहास के लिए जाना जाता है। इसी शहर में एक युनेस्को साइट है जिसे देखने के लिए पूरे देश ही नहीं दुनियाभर से लोग आते हैं और हैरान होकर ही जाते हैं। इस साइट का नाम है अजंता एलोरा। चट्टानों को काटकर बनाई गई इन गुफाओं को सुंदर ना कहकर भव्य कहा जाना सही रहेगा। क्योंकि इनको देख कर आप सच में इन्हें भव्य ही कहेंगे। इनको देख कर इनकी भव्यता शायद आप अगले कई दिनों तक भूल ही ना पाएं। अजंता एलोरा की गुफाओं को घूमने का मन है तो आपके लिए प्लान हमने बना दिया है। चलिए जान लेते हैं-

दो अलग  अलग गुदा , 100 किलोमीटर की दूरी 

सबसे पहले तो ये समझना जरूरी है कि अजंता एलोरा गुफाओं का एक ही समूह नहीं है। बल्कि इन गुफाओं में 100 किलोमीटर की दूरी है। लेकिन इनकी अपनी अलग अहमियत है और इस वजह से इनका नाम साथ में लिया जाता है। अजंता की गुफाओं में जहां बौद्ध धर्म से जुड़ी नक्काशी की गई हैं तो वहीं एलोरा की गुफाओं में बौद्ध धर्म के साथ जैन और हिन्दू धर्म से जुड़ी नक्काशी भी देखी जा सकती है।

30 गुफाओं में बसा संसार 

अजंता की गुफाओं में सिर्फ एक गुफा बिलकुल नहीं है बल्कि इसमें कुल 30 गुफाएं हैं। वघोरा नदी के किनारे बनी इन गुफाओं को कई हिस्सों में बांटा गया है। सह्याद्रि पर्वतमाला पर बनी गुफाओं में 25 को आवासीय माना गया है जबकि 4 को प्रेयर रूम बनाया गया है। खास बात ये है कि इन गुफाओं को घोड़े की नाल के आकार में काटकर बनाया गया है। गुफा में बौद्ध धर्म से जुड़ी कई पेंटिंग्स बनी हुई हैं। जिनमें भगवान बुद्ध के पिछले जन्मों के बारे में समझाया गया है।

गुफाओं के दो प्रकार 

गुफाएं इसमें दो तरह की हैं, विहार और चैत्य गृह। विहार एक बौद्ध मठ है और इसको रहने के साथ पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद छोटे-छोटे हॉल में बौद्ध भिक्षुओं की आराम किया करते थे। जबकि चैत्य गुफाओं को सिर्फ प्रार्थना के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसमें भगवान बुद्ध के प्रतीक के तौर पर स्तूप भी बने हुए हैं।

एलोरा किलोमीटर में फैली 

अजंता में 30 गुफाएं हैं तो वहीं एलोरा में 34 मोनैस्ट्रीज और मंदिर देखे जा सकते हैं। ये जगह पूरे 2 किलोमीटर में फैली है। एलोरा की गुफाओं को 5वीं और 10 वीं शताब्दी में बनाया गया है। इन गुफाओं के मंदिर हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के लिए बने हैं। यहां की विश्वकर्मा केव देखने सबसे ज्यादा लोग आते हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments