लोग अकेलेपन का शिकार कई वजहों से हो रहे हैं. इसके पीछे कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन ये बहुत खतरनाक हो सकता है, आपके लिए और आपकी सेहत के लिए भी. ये हार्ट अटैक और डिप्रेशन का जोखिम कई गुना बढ़ा देता है.
अगर आप उन लोगों में से हैं जिनके बहुत ज्यादा दोस्त नहीं हैं या उन लोगों में से हैं जो बहुत ज्यादा दिलचस्पी दूसरों के साथ जुड़ने में नहीं रखते हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है. रिसर्च के मुताबिक, तन्हाई हार्ट अटैक का जोखिम 40 फीसद तक बढ़ा देती है. उसके अलावा, समय से पहले मौत की संभावना में भी 50 फीसद इजाफा हो जाता है. रिसर्च के दौरान चौंकानेवाला मामला उभर कर सामने आया, जिसके मुताबिक ज्यादातर लोग जो पहले से ही हार्ट के मरीज थे, उनको अकेलेपन का ज्यादा जोखिम था.
जानलेवा साबित हो सकती है तन्हाई
रिसर्च के मुताबिक, तन्हाई के शिकार लोगों को पुरानी बीमारी का सबसे ज्यादा जोखिम है और ऐसे लोगों में डिप्रेशन का खतरा भी अधिक है. मौत का जोखिम उन लोगों के लिए ज्यादा है जो समाज से कटकर तन्हाई में रहते हैं या पहले ही लोगों से कम मेलजोल के कारण दिल संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं. तन्हाई डिप्रेशन का खतरा बढ़ाती है.
अगर आप अकेलेपन से जूझ रहे हैं और बहुत तनावग्रस्त महसूस कर रहे हैं, तो फौरन डॉक्टर से मिलें, वरना ये खतरनाक हो सकता है. तन्हाई स्वास्थ्य के प्रभाव जैसे दिल की बीमारी, कैंसर, डायबिटीज और मानसिक समस्याओं का ज्यादा जोखिम पैदा कर सकती है.
जब आप अकेला रहते हैं, तो भविष्य और कैरियर के बारे में उस समय बहुत ज्यादा तनाव होता है, जो आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह है. तन्हाई आपकी डाइट और खानपान की आदतों को भी प्रभावित करती है, उस वक्त आप जंक फूड को ज्यादा तरजीह देते हैं और व्यायाम भी नहीं करने का मन करता है. सेहत के सिलसिले में ये रुजहान बहुत खराब है और उसका प्रभाव आपके शरीर पर स्पष्ट दिखाई देता है. इसलिए अगर आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं, तो उसे खारिज न करें.
अकेलापन को मात देने की आसान टिप्स
तन्हाई अलार्म घंटी है जो कुछ गुम होने का संकेत देती है. उसके बारे में कुछ करने के लिए आपका शरीर बताता है. लिहाजा, अपने खास दोस्तों और करीबी लोगों से संपर्क में रहना सुनिश्चित करें. तन्हाई में हालांकि रिलेशनशिप को बनाए रखना बहुत मुश्किल है, लेकिन अंत में आपको उससे फायदा भी होगा. जब भी आप अकेलापन महसूस करें, किसी के साथ कहीं जाएं, ये आपको तन्हाई से बचा सकता है.
संबंध सुधारने की कोशिश करें, ज्यादा से ज्यादा समय परिवार और दोस्तों के साथ बिताएं. ध्यान रखें कि इंसान शारीरिक और मानसिक रूप से समाज में रहने के लिए बने हैं, ये हमारी विशेषता अकेले में रहने की नहीं है. अगर आप अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं, तो इसका मतलब हुआ कि आप प्रकृति के खिलाफ जा रहा है.