बारिश का मौसम हो या कोई तीज त्योहार, घर में पकवान बनने का सिलसिला तो चलता ही रहता है. ऐसे में कई चीजें फ्राई करते समय हम अक्सर कढ़ाई या पैन में ज्यादा तेल डाल लेते हैं. पकवान बनाने के बाद बचे हुए तेल को बाद में इस्तेमाल करने के लिए रख देते हैं. उसके बाद इस तेल का इस्तेमाल सब्जी बनाने, परांठे, पूड़ियां या अन्य चीजों को बनाने में किया जाता है. लेकिन आपको अंदाजा भी नहीं होगा कि यूज्ड किया हुआ तेल बार-बार इस्तेमाल करना कितना घातक साबित हो सकता है. यहां जानिए इसके बारे में.
1. इस्तेमाल किए गए तेल में ट्रांस फैट होता है, जो शरीर के लिए काफी घातक माना जाता है. इसे खाने से शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है और खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है. इसकी वजह से हाई बीपी और हार्ट डिजीज का रिस्क काफी बढ़ जाता है.
2. यूज्ड कुकिंग ऑयल से एल्डिहाइड जैसे कई विषाक्त पदार्थ निकलते हैं जो हार्ट के लिए नुकसानदायक होने के साथ अल्जाइमर, स्ट्रोक, कैंसर, पार्किंसन और लिवर से जुड़ी परेशानियों का रिस्क बढ़ाते हैं.
3. अगर आपको अक्सर गैस बनती है या पेट में जलन महसूस होती है, तो इसकी वजह भी यूज्ड कुकिंग ऑयल हो सकता है. स्ट्रीट फूड और रेस्तरां में यूज्ड कुकिंग ऑयल ही इस्तेमाल होता है. यहीं वजह है कि बाहर का खाना खाने से अक्सर लोगों के पेट में समस्या होने लगती है.
4. अगर आप हाई बीपी के पेशेंट हैं तो आपको खासतौर से यूज्ड कुकिंग ऑयल के इस्तेमाल से बचना चाहिए. ये आपकी परेशानी को और ज्यादा बढ़ा सकता है. साथ ही इसकी वजह से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हृदयघात की आशंका प्रबल हो सकती है.
क्या करें
– कोशिश करें एक बार में उतना ही तेल डालें, जो एक बार में खत्म हो जाए. अगर तेल बच जाता है तो आप इसका इस्तेमाल अन्य कामों में करें. जैसे घर के दरवाजे, तालों को जंग से बचाने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं. यूज्ड ऑयल और सिरके के मिश्रण से लकड़ी के फर्नीचर पर पॉलिश कर सकते हैं.
– रिफाइंड का प्रयोग खासतौर पर करने से बचें. इसकी जगह पर सूरजमुखी, सरसों, सोयाबीन ऑयल, मूंगफली या तिल के तेल का इस्तेमाल डीप फ्राई करने के लिए करें. वनस्पति, घी, नारियल तेल का इस्तेमाल तलने के लिए तो ठीक है, लेकिन डीप फ्राई के लिए न करें.