अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। आप प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन के सुपुत्र हैं।1970 के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। अमिताभ ने अपने करियर में अनेक पुरस्कार जीते हैं, जिनमें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सम्मिलित हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है।
अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता, टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में 1984 से 1987 तक भूमिका निभाई हैं। इन्होंने प्रसिद्ध टी.वी. शो “कौन बनेगा करोड़पति” में होस्ट की भूमिका निभाई थी |जोकि बहुचर्चित तथा सफल रहा। अमिताभ बच्चन को इस सदी का महानायक कहा जाता है। उन्हें ना सिर्फ भारत ने बल्कि कई दूसरे देशों ने भी बड़ी-बड़ी उपाधियों से सम्मानित किया है।
ऐसे में हर नया कलाकार अमिताभ के नक्शे-कदम पर चलकर फ़िल्मी इंडस्ट्री में सफलता हासिल करने की कोशिश करता है। परंतु क्या आपको पता है कि अमिताभ का धर्म क्या है?
शायद आप अब तक समझते होंगे कि अमिताभ हिंदू धर्म के हैं। पर बता दें कि आप जो सोच रहे हैं वो बिल्कुल गलत है। सच्चाई आपको हैरान कर सकती है, दरअसल अमिताभ का कोई धर्म ही नहीं है। चाहे अपनी फिल्मों में उन्होनें मुसलमान, हिंदू और सिख से लेकर ईसाई तक का किरदार निभाया हो पर असल जिंदगी में अमिताभ किसी धर्म से नहीं जुड़ना चाहते।
हाल ही में प्रसारित हुए ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के ‘गाँधी जयंती स्पेशल’ एपिसोड में अमिताभ ने खुलासा करते हुए कहा-“मेरा उपनाम ‘बच्चन’ किसी धर्म से संबंध नहीं रखता क्योंकि मेरे पिता जी ऐसा चाहते थे” अमिताभ ने बताया कि उनका असली उपनाम ‘श्रीवास्त्व’ है, पर वह इसमें विशवास नहीं रखते, जब वह किंडरगार्टन में दाखिला ले रहे थे तब उनसे उनका नाम पूछा गया था, तब उनके पिता ‘हरिवंश राय बच्चन’ जी ने उनका उपनाम बच्चन रखने का फैसला लिया था।
अमिताभ के मुताबिक जब जनगणना कर्मचारी उनके घर आकर उनसे उनका धर्म पूछते हैं तो अमिताभ उन्हें कहते हैं-“मेरा कोई धर्म नहीं है, मैं हिन्दुस्तानी हूँ”। अमिताभ ने ये भी बताया कि उनके पिता सभी की बराबर इज़्ज़त किया करते थे, उनके पिता होली के जश्न की शुरुआत अपने घर पर शौचालय साफ़ करने वाले व्यक्ति के पैरों पर रंग लगाकर करते थे।