Friday, November 8, 2024
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शॉपिंग पर जाने से पहले जान लें ये नियम. वरना इनकम टैक्स का नोटिस आते देर नहीं लगेगी!

अक्सर होता है कि लोग इनकम टैक्स रिटर्न में काफी कुछ छुपाते हैं. लेकिन, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई तरह से आप पर नज़र रखता है. ऐसे में अगर आप कुछ खरीदते हैं या बैंक में पैसा जमा करवाते हैं तो इनकम टैक्स विभाग आप पर नज़र रखता है. इसलिए, अगर आप भी इनकम टैक्स विभाग से कुछ छुपा रहे हैं तो आपको कई बातों का ध्यान रखना होगा, क्योंकि आपकी ओर से किए गए किसी गलत फैसले पर इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भेज सकता है.

ऐसे में अगर आप कुछ खरीद रहे हैं तो आप इनकम टैक्स का ध्यान रखें. साथ ही हम आपको बताते हैं कि इनकम टैक्स विभाग किन-किन स्थितियों में आपको नोटिस भेज सकता है और आप कुछ खरीदने जा रहे हैं तो इनकम टैक्स से जुड़े ये नियम ध्यान रखें वरना आपको काफी मुश्किल हो सकती है. साथ ही अगर आप कोई शॉपिंग कर चुके हैं या आपके पास कोई सामान है तो उसका वैध प्रूफ आपके पास होना चाहिए, जो आयकर विभाग के लिए सबूत हो. जानते हैं इनकम टैक्स से जुड़े कई खास नियम…

कब मिल सकता है इनकम टैक्स का नोटिस?

मनी9 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने सभी बैंक और को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए अनिवार्य कर दिया है कि एक वित्त वर्ष में अगर कोई व्यक्ति 10 लाख रुपए से ज्यादा कैश जमा कराता है, उन्हें जानकारी देनी होगी. वहीं, एक वित्त वर्ष में करेंट अकाउंट से 50 लाख से ज्यादा की राशि निकालने या जमा कराने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है. ऐसे में अगर आप ज्यादा कैश जमा करवाते हैं तो आपको ध्यान रखना चाहिए.

इसके अलावा अगर आप शेयर, म्यूचुअल फंड्स, डिबेंचर्स और बॉन्ड आदि में ज्यादा पैसे जमा करवाते हैं तो भी आपको ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि आपको नोटिस मिल सकता है. मनी-9 की इस रिपोर्ट के अनुसार, एसएजी इंफोटेक के एमडी अमित गुप्ता ने बताया कि ‘अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए से ज्यादा खाते में जमा कराता है, तो बैंक को इनकम टैक्स अथॉरिटी को उस व्यक्ति के बारे में जानकारी देनी होगी. 10 लाख के शेयर, डिबेंचर्स, म्यूचुअल फंड्स कैश कंपोनेट्स में निवेश करने वालों को हाई अलर्ट पर रहना चाहिए.’

इसके अलावा, 10 लाख रुपए तक की विदेशी मुद्रा खरीदारी की सूचना टैक्स डिपार्टमेंट को दी जाती है. विदेशी मुद्रा खरीद में यात्रियों के चेक, विदेशी मुद्रा कार्ड, डेबिट या क्रेडिट कार्ड शामिल हैं. साथ ही, अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए या उससे अधिक का क्रेडिट या डेबिट कार्ड का भुगतान करता है तो टैक्स डिपार्टमेंट को इसकी जानकारी देनी होगी. कोई बिजनेस मैन या नौकरीपेशा व्यक्ति 2 लाख (प्रति व्यक्ति या प्रति ट्रांजेक्शन) से ज्यादा का सामान खरीदता, बेचता या सेवाएं देता है तो उन्हें इसकी रसीद हासिल कर नहीं होगी. इलेक्ट्रिसिटी पर 1 लाख से ज्यादा का खर्च पर करने पर इनकम टैक्स नोटिस आने का खतरा रहता है.

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