हर साल 24 अप्रैल वो तारीख होती है जब क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) अपने प्रशंसकों के बीच पूजे जाते हैं. ये वही तारीख है जिस दिन सचिन तेंदुलकर का जन्म हुआ था. साल था 1973. हमेशा की तरह आज भी न केवल भारत बल्कि दुनियाभर में मौजूद सचिन तेंदुलकर के प्रशंसक उनका केक काट रहे हैं तो कोई अपने ही अंदाज में उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहा है. मगर क्या आप जानते हैं कि आज के दिन यानी 24 अप्रैल को जन्म लेने वाले सचिन तेंदुलकर अकेले भारतीय क्रिकेटर नहीं है. टीम इंडिया का एक और क्रिकेटर है जो सचिन की ही तरह 24 अप्रैल को पैदा हुआ. वो क्रिकेटर जो भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े विवादों में से एक का हिस्सा बना.
दरअसल, यहां बात मानव श्रीकांत प्रसाद यानी एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) की हो रही है. प्रसाद का जन्म 24 अप्रैल 1975 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ. बतौर क्रिकेटर एमएसके प्रसाद ने टीम इंडिया के लिए 6 टेस्ट और 17 वनडे मैच खेले, लेकिन सुर्खियां उन्होंने टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता के पद पर काबिज होने के बाद ज्यादा बटोरीं. इस दौरान इंग्लैंड में हुए 2019 वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम को लेकर भारी-भरकम विवाद उठा, जिसके केंद्र में एमएसके प्रसाद ही रहे.
थ्रीडी प्लेयर और थ्रीडी चश्मा
दरअसल, एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति ने वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई टीम से मध्यक्रम के बल्लेबाज अंबाती रायडू को बाहर रखा था जबकि कम अनुभवी विजय शंकर को उनकी जगह जगह मिली थी. प्रसाद ने विजय शंकर को चुनने का फैसला ये कहकर साबित किया था कि टीम को उनके जैसे थ्रीडी प्लेयर की जरूरत है. इस निर्णय से खफा होकर रायडू ने भी प्रसाद पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने वर्ल्ड कप देखने के लिए थ्रीडी चश्मे का ऑर्डर कर दिया है. यहां तक कि रायडू ने कुछ दिन बाद ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. हालांकि बाद में उन्होंने संन्यास से वापसी कर ली.
प्रसाद के 6 टेस्ट और 17 वनडे की कहानी
एमएसके प्रसाद को उनके कार्यकाल के दौरान कप्तान का चयनकर्ता कहा गया. 21 सितंबर 2016 में प्रसाद को मुख्य चयनकर्ता बनाया गया था. 4 मार्च 2020 को उनका कार्यकाल खत्म हुआ. जहां तक भारतीय टीम के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर उनके प्रदर्शन की बात है तो उन्होंने 6 टेस्ट में 30 की औसत से 180 रन बनाए. इसमें नाबाद 54 रन के तौर पर एक अर्धशतक भी शामिल रहा. इसके अलावा उन्होंने 17 वनडे में 16.29 के औसत से 243 रन बनाए. इस प्रारूप में भी उनके नाम एकमात्र अर्धशतक है. उनका उच्चतम स्कोर 61 रन है. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने बतौर विकेटकीपर नौ कैच लिए जबकि वनडे में उनके नाम 12 कैच रहे.