खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए कच्चे प्याज का सेवन जमकर किया जाता है. पावभाजी हो या फिर छोले भटूरे, तमाम ऐसे खाने के व्यंजन हैं, जिनको कच्चे प्याज के साथ खाकर स्वाद बढ़ाया जाता है. चाट पकवानों का स्वाद बढ़ाने के लिए अलग अलग तरीके से कच्चे प्याज को खूब खाया जाता है. अक्सर हमने सुना है कि कच्चा प्याज खाने से शरीर की कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं, लेकिन आपको सुनकर ये हैरानी होगी कि कच्चे प्याज खाने से आप साल्मोनेला जैसी गंभीर बीमारी के चपेट में आ सकते हैं.
जी हां कुछ वक्त पहले ही अमेरिका में साल्मोनेला बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण कई मामले सामने आए थे. कहा गया था कि ये बीमारी दूषित प्याज के सेवन से हुई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है कच्चा प्याज खाने वाली ये बीमारी-
क्या है साल्मोनेला?
साल्मोनेला एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है,जो खाने की चीजों से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है. इस बैक्टीरिया से दूषित खाद्य पदार्थ खाने से आम तौर पर आंतों का मार्ग प्रभावित होता है और इससे पेट संबंधित कई तरह की बीमारियां हो सकती है. बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारियों को साल्मोनेलोसिस कहा जाता है. ये इंसान की आंतों में पाया जाने वाला बैक्टीरिया है.
अजीब बात ये है कि आसानी से इस बैक्टीरिया की उपस्थिति का पता नहीं लगाया जा सकता है. यह ज्यादातर कच्चा या अधपका मांस, मुर्गी पालन, अंडे या अंडा उत्पादों के सेवन के कारण होता है.
साल्मोनेला संक्रमण के लक्षण
साल्मोनेला संक्रमण के लक्षण आमतौर पर बैक्टीरिया की तरह से तुंरत नहीं दिखाई देते हैं. यह हर एक आयु के लोगों को प्रभावित करता है. यह 5 साल से कम उम्र के छोटे बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के वयस्कों के लिए विशेष रूप से जोखिम भरा है. खराब कच्चे प्याज के सेवन से इसके होने की संभावना अधिक है.
साल्मोनेला से होने वाले खतरे
गंभीर मामलों में, ये बैक्टीरियल संक्रमण की वजह से जोड़ों में दर्द पैदा कर देती है. इसे गठिया या रेइटर सिंड्रोम भी कहा जाता है.इतना ही नहीं अगर यह बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं, तो यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ऊतकों, आपके हृदय, अस्थि और अस्थि मज्जा की परत को भी नुकसान पहुंचाता है.
डॉक्टर के पास कब जाएं
साल्मोनेला संक्रमित खाद्य पदार्थों का सेवन करने के बाद ज्यादातर लोगों को पेट से संबंधित समस्याओं को हीं गंभीर रूप से झेलना पड़ता है, वैसे कहा जाता है कि इस बीमारी से आपके खुद से ही 5,6 दिनों में आराम हो जाता है, लेकिन अगर आप इतना अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं और अधिक दिन होते जा रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें.