teensexonline.com
Monday, September 30, 2024
No menu items!
HomeLifestyleहिमाचल के सेब को इस बीमारी से हुआ करोड़ों का नुकसान, स्कैब...

हिमाचल के सेब को इस बीमारी से हुआ करोड़ों का नुकसान, स्कैब की तर्ज पर महामारी घोषित करने की मांग

सेब की फसल को रस्टिंग नामक बीमारी से करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया है। प्रदेश में बीते 3-4 सालों के दौरान रस्टिंग का हमला ज्यादातर इलाकों में देखा जा रहा है। चिंता इस बात की है कि यह बीमारी हर साल बढ़ती जा रही है। बागवानों का दावा है कि इस साल 50 प्रतिशत से भी अधिक सेब रस्टिंग के कारण खराब हुआ है। इसे देखते हुए कोटगढ़ हॉर्टिकल्चर एंड एन्वायरनमैंट सोसायटी के अध्यक्ष हरि चंद रोच ने मुख्यमंत्री, नौणी यूनिवर्सिटी के कुलपति और सेब बहुल क्षेत्र ठियोग-कोटगढ़ के विधायक को पत्र लिखकर रस्टिंग बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए अनुसंधान (रिसर्च) करने का आग्रह किया है। हरि चंद रोच ने नौणी यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों को जल्द फील्ड में जाकर लोगों के बगीचों का मुआयना करके रिपोर्ट देने की मांग की है।

सेब उद्योग को बचाने के लिए मुख्यमंत्री से अपील

उन्होंने बताया कि रस्टिंग भी कई प्रकार की है। इसलिए विशेषज्ञ यह पता लगाएं कि हिमाचल में सेब बगीचों को कौन-सी रस्टिंग नुक्सान कर रही है। उन्होंने 4500 करोड़ रुपए से अधिक के सेब उद्योग को बचाने के लिए मुख्यमंत्री से अपील की है कि रस्टिंग को महामारी घोषित किया जाए और केंद्र सरकार से वित्तीय मदद लेकर इस बीमारी के उन्मूलन के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू किया जाए। ठीक वैसे जैसे 1980-90 के दशक में सेब में लगने वाले रोग स्कैब को महामारी घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि रस्टिंग का प्रकोप रोकना जरूरी हो गया है।

सेब के दाने हो जाते हैं खुरदरे

दरअसल, रस्टिंग की वजह से सेब को मार्कीट में उचित दाम नहीं मिल पाते। रस्टिंग कई प्रकार का हो सकता है, जैसे कि सेब का खुरदरा होना, कई बार यह सेब की खाल को ढक देती है। कई जगह इससे सेब में दरारें पड़ जाती हैं। रस्टिंग होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार यह प्राकृतिक कारणों, नमी अधिक होने, कोहरा जमने, तापमान में ज्यादा कमी या वृद्धि तथा रसायनों का गलत छिड़काव करने इत्यादि से हो सकता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments