ब्रिटेन की मैरी रैंड (Mary Rand) को अपने देश में गोल्डन गर्ल माना जाता है. 1964 के ओलिंपिक खेलों (Olympic Games) में इतिहास रचने वाली इस खिलाड़ी का सफर यूं तो कई साल पहले शुरू हो गया लेकिन अपनी कबिलियत साबित करने में उन्हें काफी समय लग गया. ब्रिटेन की गोल्डन गर्ल बनने से पहले उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. हालांकि उनकी हासिल की गई सफलता ने खेल जगत में महिलाओं के स्तर को बढ़ाने का काम किया था. कायम वह सिर्फ अपने खेल के ही नहीं बल्कि अपने फिल्मी स्टार जैसे लुक्स के कारण भी सुर्खियों में रही थी.
मैरी रैंड 16 साल की उम्र में ही ब्रिटेन के अखबरों में छाई हुई थीं. उनकी तुलना उस समय कि सबसे बड़ी स्टार मार्लिन मुनरो से होने लगी थी. ब्रिटेन के कई बड़े स्टार उनके साथ डेट पर जाने की इच्छा जाहिर कर चुके थे. हालांकि 16 साल की उम्र में भी मैरी ने इसको अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और खेल पर ध्यान बनाए रखा जिसके कारण उन्हें बड़ी उपलब्धियां हासिल हुई थी.
16 साल की उम्र में देश के स्टार खिलाड़ियों को दी थी मात
16 साल की उम्र में जब ग्रेट ब्रिटेन की टीम को ओलिंपिक के लिए भेजा जा रहा था तब मैरी को बतौर मेहमान बुलाया गया था. उन्होंने इन खेलों में हिस्सा लिया और सभी क्वालिफायर्स को मात दी. यह देखकर सभी हैरान थे. हालांकि तब वह मैरी को टीम में शामिल नहीं कर सकते थे. 1960 के रोम ओलिंपिक से पहले उन्होंने 6.33मीटर के जंप के साथ लॉन्ग जंप में ब्रिटिश रिकॉर्ड कायम किया था. उनका यह प्रदर्शन उन्हें ओलिंपिक में सिल्वर दिला देता हालांति ऐसा हुआ नहीं. फाइनल में उन्होंने तीन में से दो जंप में फाउल कर दिया जिसके कारण वह नौवें स्थान पर रही थी. वहीं उस साल 80 मीटर हर्डल में चौथे स्थान पर रही थी.
टोक्यो ओलिंपिक में रचा था इतिहास
1964 के ओलिंपिक से दो साल पहले ही मैरी रैंड ने बेटी को जन्म दिया था. लोगों को लग रहा था कि शायद अब मैरी रैंड में वह दम नहीं रहा. टोक्यो जाने से पहले मैरी ने कहा था कि मेरा लक्ष्य ओलिंपिक में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीतना है. लोगों ने उनकी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया लेकिन मैरी के लिए यह लक्ष्य ही सबकुछ था. ओलिंपिक खेलों के फाइनल में उन्हें जंप करने के पांच मौके मिले थे. पहले जंप में उन्होंने ब्रिटिश रिकॉर्ड कायम किया था. इसके बाद पांचवीं जंप में उन्होंने 1.6 मीटर के जंप के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया. वह ब्रिटेन के लिए एथलेटिक्स में ओलिंपिक गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी थी. इसके बाद उन्होंने पेंटाथेलॉन में सिल्वर मेडल जीता. इसके बाद 4×100 मीटर रिले में देश को ब्रॉन्ज मेडल भी दिलाया था.