1896 में जब पहली बार ओलिंपिक खेलों (Olympic Games) का आयोजन किया गया तो उस समय केवल नौ ही खेल शामिल किए गए थे. एथेंस के ओलिंपिक खेल एथलेटिक्स (Athletics), साइकिलिंग, फेंसिंग, जिमनास्टिक्स, शूटिंग, स्वीमिंग, टेनिस, वेटलिफ्टिंग और रेसलिंग के इवेंट्स आयोजित किए थे. खेलों की तरह ओलिंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या भी कम ही थी. एथेंस ओलिंपिक (Athens Olympic) में केवल 14 देशों ने ही इसमें हिस्सा लिया था. भारत की ओर से कोई भी खिलाड़ी इन खेलों में हिस्सा लेने नहीं पहुंचा था. किस्से ओलिंपिक में आज हम आपको ऑस्ट्रेलिया के पहले ओलिंपियन की कहानी सुनाने जा रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया की ओर से पहले ओलिंपिक खेलों में केवल एक ही शख्स ने हिस्सा लिया था. उस समय ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या लगभग 35 लाख थी. इस देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले ओलिंपियन थे एडविन फ्लैक (Edwin Flack). लंदन एथलेटिक क्लब ने फ्लैक को ओलिंपिक खेलों के लिए नॉमिनेट किया था. उस समय वह वहीं (लंदन) में ट्रेनिंग कर रहे थे. इन खेलों में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने अपनी अकाउंटेंट की नौकरी से छुट्टी ली थी और फिर इंग्लैंड से ग्रीस तक का टिकट बुक किया था.
छह दिन के लंबे सफर के बाद पहुंचे थे ग्रीस
इंग्लैंड से ग्रीस तक का उनका सफर आसान नहीं रहा था. वह छह दिन तक सफर करके वहां पहुंचे थे. जहाज और ट्रेन का उनका सफर काफी कष्टदायक रहा था. इस दौरान वह काफी बीमार पड़ गए थे. उन्हें प्लेग हो गया था. वह ओलिंपिक खेल शुरू होने से पांच दिन पहले वहां पहुंच गए थे. उन्होंने उस दिन 800 मीटर और 1500 मीटर के साथ-साथ मैराथॉन में भी हिस्सा लिया था. उन्होंने टेनिस के डबल्स वर्ग में भी भाग लिया था.
एथेंस में जीते थे तीन मेडल
तबियत खराब होने के बावजूद उन्होंने इन खेलों में कमाल का प्रदर्शन का किया था. उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया था. उन्होंने 800 मीटर और 1500 मीटर में गोल्ड मेडल जीता था. मैराथॉन से पहले फ्लैक ने कभी 16 किमी से लंबी रेस में नहीं दौड़े थे. यही कारण था कि शुरुआत के 8-10 किमी तक लीड हासिल करने के बाद वह आखिर के समय में पिछड़ गए थे. और फिर रेस के बीच ही बेहोश हो गए थे. एथलेटिक्स के बाद जब वह टेनिस के लिए पहुंचे तो सिंगल्स वर्ग में तो वह पहले ही राउंड में बाहर हो गए थे. हालांकि इसके बाद डबल्स इवेंट में उन्होंने अपने दोस्त जॉर्ज एस के साथ हिस्सा लिया और ब्रॉन्ज मेडल जीता.
एथेंस के शेर फ्लैक
फ्लैक इन खेलों के बाद फैंस के पसंदीदा खिलाड़ी बन गए थे. उन्होंने ‘एथेंस का शेर’ कहा जाने लगा था. उस समय तक ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन के आधीन ही था इसलिए कोई राष्ट्रगान नहीं बजा था जब वह पोडियम पर थे. 1898 में फ्लैक लंदन से मेलबर्न लौट आए. उन्होंने दोबारा कभी ऑस्ट्रेलिया के लिए ओलिंपिक खेलों में हिस्सा नहीं लिया लेकिन वह ऑस्ट्रेलिया ओलिंपिक कमेटी के साथ जुड़े रहे थे.