क्रिकेट इतिहास में कई दमदार हिटर रहे हैं, जिनके मैदान पर आते ही चौके-छक्कों की बरसात शुरू हो जाती थी। ऐसा ही एक तगड़े गिलबर्ट जेसप भी थे। जेसप जिस वक्त अपनी लय में होते थे तो बड़े-बड़े गेंदबाजों के पसीन छूट जाते थे। वह इस बल्लेबाजी की मार से घबराते थे। आप सोच रहे होंगे कि जेसप का जिक्र आज क्यों हो रहा है? दरअसल, बुधवार को जेसप का जन्मदिन है। वह 19 मई, 1884 को इंग्लैंड के ग्लॉस्टरशायर में पैदा हुए थे। उन्होंने इंग्लैंड की तरफ से भले ही ज्यादा मुकाबले नहीं खेले, लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जेसप ने खूब धमाल मचाया और वाहवाही लूटी।
40 मिनट में सेंचुरी-दो घंटे में दोहरा शतक
गिलबर्ट जेसप ने 20 साल की उम्र में ग्लॉस्टरशायर के लिए खेलना शुरू किया। उन्होंने 493 प्रथम श्रेणी में कई तूफानी पारियां खेलीं। उन्होंने इस दौरान 53 शतक और 127 अर्धशतकों की मदद से 26698 रन बनाए। हालांकि, उनकी द्वारा खेली गईं दो हैरतअंगेज पारियां ऐसी रहीं, जिनकी चर्चा अब भी होती है। उन्होंने 1897 में यॉर्कशायर के खिलाफ 40 मिनट में सेंचुरी जमा दी थी। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आज भी यह संयुक्त रूप से दूसरा सबसे तेज (मिनट के लिहाज से) शतक है।
इसके अलावा जेसप दो घंटे में यानी 120 मिनट में दोहरा शतक जड़ने का भी कारनामा अंजाम दे चुके हैं। उन्होंने 1903 में ससेक्स के विरुद्ध 286 रन की पारी खेलते समय ऐसा किया था। बता दें कि यह उनके प्रथम श्रेणी करियर का सर्वोच्च निजी स्कोर है। जेसप सबसे मिनट में डबर सेंचुरी लगाने के मामले में आज भी संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं। वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर क्लाइव लॉयड ने भी 120 मिनट में दोहारा शतक बनाया था। उन्होंने 1976 में ग्लेमॉर्गन के खिलाफ नाबाद 201 रन की पारी खेली थी।
जेसप ने इंग्लैंड के लिए एक शतक जड़ा
गिलबर्ट जेसप के अंतरराष्ट्रीय करियर की बात करें तो उन्होंने इंग्लैंड के लिए 18 टेस्ट मैच खेले और 569 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान सिर्फ एक शतक और 3 अर्धशतक जमाए। उन्होंने पहले टेस्ट 1899 और आखिरी 1912 में खेला। जेसप ने अपना एकमात्र शतक साल 1902 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया। उन्होंने मुश्किल वक्त में अपनी टीम के लिए 77 मिनट में 104 रन की लाजवाब पारी खेली। वह तब बल्लेबाजी करने आए थे, जब इंग्लैंड 263 रन के लक्ष्य का पीछा करते 48 रन पर पांच विकेट खो चुकी थी। आखिर में इंग्लैंड ने यह मैच एक विकेट से अपने नाम किया था।