विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में 9 मिलियन लोगों ने हार्ट डिजीज (Heart disease) से अपनी जान गंवाई। इससे पता चलता है कि यह लोगों के स्वास्थ्य (Health) संबंधी कितना बड़ा खतरा है। ऐसे में हार्ट (Heart) को हेल्दी (Healthy) रखने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.विकास अग्रवाल बताते हैं कि हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अपनी डाइट से लेकर लाइफस्टाइल तक पर ध्यान देने की जरूरत होती है। अगर आप कुछ छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें तो आपका हार्ट कई तरह की प्रॉब्लम्स से बचा रहेगा और हेल्दी रहेगा।
1- फिजिकली एक्टिव रहें
हमेशा फिजिकली एक्टिव रहें। एक्सरसाइज नियमित करें। जहां तक संभव हो लिफ्ट का इस्तेमाल ना करें बल्कि सीढ़ियों से चढ़ें, ग्रॉसरी शॉपिंग के लिए पैदल जाएं, बच्चों को स्कूल बस तक छोड़ने पैदल जाएं, घर का काम खुद करें, बागवानी करें, बस स्टॉप से घर तक पैदल जाएं। ये आदतें आपके हार्ट को हेल्दी रखेंगी।
2- कुछ समय धूप में बिताएं
विटामिन डी (Vitamin D) की कमी से हार्ट डिजीज, कैंसर (Cancer), डायबिटीज, मोटापा और कोविड-19 (COVID 19) का जोखिम बढ़ता है। यह एक ताजा अध्ययन में बताया गया है। इसलिए नियमित रूप से प्राकृतिक रोशनी और सूरज की धूप में कुछ समय जरूर बिताएं। हालांकि फूड और सप्लीमेंट से भी विटामिन डी ले सकते हैं।
3- नमक कम खाएं
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (अमेरिका) की जोन टीश्च सेंटर फॉर ह्यूमन हेल्थ में मेडिकल डायरेक्टर-कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नीका गोल्ड बर्ग कहती हैं कि भले ही आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत ना हो फिर भी आप नमक का इस्तेमाल कम से कम करें। विशेष रूप से फलों या सलाद पर नमक छिड़क कर खाने की आदत बिल्कुल छोड़ दें। सोडियम का कम इस्तेमाल आपको हाई बीपी, किडनी डिजीज और हार्ट डिजीज से काफी हद तक बचा कर रखेगा।
4- प्रीटर्म डिलीवरी हो तो सतर्क रहें
एक अध्ययन के मुताबिक जिन महिलाओं में प्रीटर्म डिलीवरी होती है, उनमें हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसी महिलाओं में कोरोनरी आर्टरी डिजीज का जोखिम 38 फीसदी और स्ट्रोक का जोखिम 71 फीसदी तक बढ़ जाता है। साथ ही इनमें अन्य तरह के हार्ट डिजीज का जोखिम भी दोगुना होता है। दरअसल, इन महिलाओं में इंफ्लेमेशन की शिकायत होती है, जिससे इनमें प्रीटर्म डिलीवरी देखी जाती है। ऐसी महिलाओं को नियमित चेकअप और स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए।
5- घर में वेंटिलेशन हो सही
अकसर हम बाहरी प्रदूषण से बचने के तो खूब जतन करते हैं लेकिन घर में खुद को सुरक्षित महसूस करने के कारण इस ओर कभी ध्यान नहीं देते। कई ऐसे शोध हो चुके हैं, जिनसे पता चलता है कि अत्यधिक प्रदूषित शहरों के बाहरी वातावरण से भी ज्यादा प्रदूषित घर के भीतर की हवा हो सकती है। इसकी वजह है हेयर स्प्रे, मोमबत्तियां या नॉन स्टिक बर्तनों की कोटिंग का धुआं, अगरबत्ती या चूल्हे का धुआं आदि या विषाक्त हवा शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ा सकती है और बीपी हाई करके आर्टिरीज को कड़ा कर सकती है। इसलिए घर में हमेशा वेंटिलेशन अच्छा रखें खिड़कियों को खोलें, एग्जॉस्ट फैन, चिमनी आदि का प्रयोग करें।
6- पेशाब ना रोकें
ताइवान यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि ब्लैडर पूरी तरह भर जाने पर हार्ट बीट बढ़ जाती है, इससे कोरोनरी आर्टरीज पर दबाव बढ़ता है। कई बार इससे ऐसी प्रतिक्रिया भी हो सकती है, जो तुलनात्मक रूप से कमजोर स्वास्थ्य वाले लोगों में हार्टअटैक का सबब बन सकती है।
7- कम यूज करें क्लीनिंग केमिकल्स
वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत से क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में ऐसे खतरनाक केमिकल होते हैं, जिनके संपर्क में रहने से हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक सहित कई प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। जहां तक संभव हो सके केमिकल बेस्ड क्लीनिंग प्रोडक्ट्स से बचते हुए विनेगर, नीबू, बेकिंग सोडा और कॉर्नस्टार्च जैसे कुकिंग सेफ प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल साफ-सफाई और हाइजीन मेंटेन करने के लिए करें।
8-प्लास्टिक कंटेनर्स से करें परहेज
कई रिसर्च से प्रमाणित हो चुका है कि प्लास्टिक के बर्तनों, बोतलों आदि के निर्माण में इस्तेमाल किए गए जाने वाले केमिकल जैसे बिस्फेनॉल ए और फैटालेट्स आदि हमारी भोज्य सामग्री में मिल जाते हैं। 50 से ज्यादा मेडिकल पेपर्स में यह बताया जा चुका है कि फैटालेट्स और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का गहरा कनेक्शन होता है। इसलिए आपको भोजन करने और इसे स्टोर करने के लिए कांच, सिरेमिक और स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए।