आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा विज्ञान है. ये एक अच्छा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है. आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्रैक्टिस और जीवन शैली की आदतें हैं.
इसके साथ ही जड़ी-बूटियों और औषधियों की उपस्थिति आयुर्वेद को बिना किसी दुष्प्रभाव के रोग को ठीक करने का सबसे प्राकृतिक साधन बनाती है.
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं ये 5 जड़ी-बूटियां
अश्वगंधा
अश्वगंधा, कोर्टिसोल के स्तर को कम करके चिंता और तनाव को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसका इस्तेमाल व्यक्ति के शरीर और दिमाग को शांत करने के लिए भी किया जाता है. ये ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. ये सभी आयु वर्ग के लोगों में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है.
त्रिफला
त्रिफला में मुख्य रूप से आंवला, बिभीतकी और हरीतकी जैसी तीन सामग्री शामिल होती हैं. ये सबसे प्रसिद्ध औषधीय पौधों में से कुछ हैं. ये अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है. त्रिफला दांत के रोगों और पाचन समस्याओं को रोकने में भी विशेष रूप से सहायक माना जाता है. इस जड़ी बूटी के कई औषधीय गुण हैं.
ब्राह्मी
ब्राह्मी मुख्य रूप से मस्तिष्क और इसकी कार्यप्रणाली पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये स्मृति शक्ति के साथ-साथ सीखने की क्षमता में सुधार करने के लिए जाना जाता है. इसका सेवन सूजन को कम करने और ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने के लिए भी किया जाता है. ब्राह्मी का इस्तेमाल आमतौर पर चिंता, तनाव और एडीएचडी के लक्षणों के उपचार और नियंत्रण के लिए किया जाता है.
जीरा
इस मसाले में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. इस तरह ये वजन घटाने में मदद करता है. जीरे में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. ये त्वचा को फ्री रडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं. ये त्वचा और हृदय संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं.
हल्दी
हल्दी एक प्रसिद्ध भारतीय मसाला है जो अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. हल्दी में पाया जाने वाला एक प्रमुख तत्व करक्यूमिन है. प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान के अनुसार, करक्यूमिन मानव शरीर में वात, पित्त और कफ के तीन दोषों को संतुलित करने का काम करता है. इसके अलावा ये जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द और जकड़न में भी राहत देता है. हल्दी घावों को ठीक करने में मदद करती है. इसका इस्तेमाल सर्दी और गले में खराश के लक्षणों को रोकने और कम करने के लिए किया जाता है.