शैंपेन का नाम अक्सर जीत के जश्न के साथ जुड़ता है, फिर चाहे वह टीम इंडिया की जीत का जश्न हो या फिर किसी फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड सफलता का, शैंपेन खोलने और उसे एक-दूसरे पर छिड़कने का नजारा आम है. लेकिन आज के समय में इसका चलन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोग जश्नों में शैंपेन (Champagne) उड़ाना आम बात मानने लगे हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल होता है कि आखिर यह चीज क्या है? क्या यह शराब है? और अगर है तो इसमें कितना एल्कोहॉल होता है. तो चलिए आइए जानते हैं शैंपेन के पीछे की पूरी कहानी.
क्या होती है शैंपेन?
होम पार्टी के दौरान आमतौर पर घर के बड़े-बुजुर्गों के मन में यह सवाल होता है कि ‘ये शैंपेन की बोतल में आखिर क्या भरा होता है.’ जैसे वाइन, बीयर, वोदका के बारे में तो जानते होंगे, लेकिन शैंपेन में क्या भरा होता है. आपको बता दें कि शैंपेन अपने आप में अलग से कोई पदार्थ नहीं होता है. शैंपेन का मतलब है स्पार्कल वाइन. यानी आसान शब्दों में कहें तो शैंपेन की बोतल में वाइन भरी होती है और यह वाइन स्पार्कल वाइन (Sparkle Wine) होती है, जिसे खास तरह से बनाया जाता है. इस वजह से शैंपेन में छोटे-छोटे बुलबुले दिखाई देते हैं और इसी कारण इसे हिला के बोतल खोलने पर जहाग निकलते हैं.
कैसे बनती है यह स्पार्कल वाइन?
स्पार्कल वाइन को बनाने के लिए सबसे पहले अलग-अलग तरह के ग्रेप्स का ज्यूस निकाला जाता है और उसमें कुछ पदार्थ मिलाकर उसका फर्मन्टेशन किया जाता है. इसके लिए पहले इसे टैंक में भरकर रखा जाता है और लंबे समय यानी कई महीनों या कई सालों तक फर्मन्टेशन प्रोसेस में रखा जाता है. इसके बाद इन्हें बोतल में भरा जाता है और बोतलों को कई सालों तक उल्टा करके रखा जाता है और डबल फर्मन्टेशन होने दिया जाता है.
लंबे समय तक उल्टी बोतल क्यों रखते हैं?
फर्मन्टेशन के बाद इसमें कार्बनडाइऑक्साइन और एल्कोहॉल जनरेट होते हैं. लंबे समय तक ऐसा करने के बाद एक बार फिर इसके ढक्कन की जगह कॉर्क लगाया जाता है और उस वक्त इसे पहले बर्फ में रखा जाता है और प्रेशर से बर्फ और गंदगी बाहर आ जाती है. इसके बाद फिर से बोतल को उल्टा करके कई दिन तक रखा जाता है और इसके बाद ये स्पार्कलिंग वाइन तैयार होती है.
कितना एल्कोहॉलिक है स्पार्कलिंग वाइन का सेवन?
अगर एल्कोहॉल प्रतिशत के आधार पर बात करें तो इसमें 11% तक एल्कोहॉल की मात्रा होती है और यह एक तरह से वाइन का प्रकार है.
शैंपेन के नाम की कहानी
अब आपको बताते हैं कि शैंपेन के नाम की कहानी. आपको बता दें कि सभी शैंपेन स्पार्कलिंग वाइन होती है, लेकिन इस मतलब ये नहीं है कि सभी स्पार्कलिंग वाइन शैंपेन हों. दरअसल, फ्रांस में एक क्षेत्र है, जिसका नाम है शैंपेन. यानी वो स्पार्कलिंग वाइन, जो फ्रांस के शैंपेन क्षेत्र में बनती है, उसे ही शैंपेन कहा जाता है. बल्कि अन्य देशों में जो स्पार्कलिंग वाइन बनती है, उसे अलग नाम से जाना जाता है. इटनी को अलग तो स्पेन के स्पार्कलिंग वाइन को अलग नाम से जाना जाता है. अगर ये भारत में बनी है तो इसे सिर्फ स्पार्कलिंग वाइन ही कहा जाएगा.